ज्योत्सना,
खूंटी: यह है अतिनक्सल प्रभावित सीमावर्ती इलाका रायजेमा और कंदराकुटी गांव. यहां आजादी के बाद पहली बार 26 जनवरी 2020 में 73 वें गणतंत्र दिवस में राष्ट्रीय झण्डा तिरंगा शान से लहराया. नक्सल प्रभावित रायजेमा और कंदराकुटी गांव के एक तरफ है. रांची जिला का अंतिम छोर, दूसरी ओर सरायकेला खरसावां का इलाका और एक तरफ है खूंटी जिले का दुरूह और दूरस्थ इलाका. जहां बंदूकधारी वर्दीवालों के गुजरते ही ग्रामीणों की सांसें थम-सी जाती थीं, कब किसकी जान पर आफत आ पड़े यह बता पाना मुश्किल था. जंगल और पहाड़ों के बीच जब नक्सलियों के बूटों की आवाज जंगलों में गूंजती थी तो रोते हुए दुधमुंहे बच्चों को भी माताएं जबरदस्त मुंह ढककर रोने नहीं देती थी. ऐसे दहशत भरी दुरूह इलाके में पहली बार खूंटी जिले की सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की सिक्योरिटी फ़ोर्स 209 कोबरा बटालियन रायजेमा और कंदराकुटी पहुंची. ग्रामीणों ने पहली बार एक साथ पुलिस को सशरीर नजदीक से देखा और मुस्कान के साथ हाथ भी मिलाया.
दुरूह इलाके में पुलिस के सहयोगात्मक रुख को देखकर ग्रामीणों के चेहरे पर आशा भरी मुस्कान भी थी और खेल में जीतने की ललक भी. बच्चे, युवा, महिलाएं बुजुर्ग सभी एक साथ पुलिस के सिविक एक्शन प्रोग्राम में शामिल हुए. 209 कोबरा बटालियन ने बच्चे वृद्ध युवा महिला समूह के लिए अलग-अलग खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया. बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और सभी अपने अपने खेल में अपना बेहतर देने की कोशिश किए. कोबरा बटालियन ने प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पर आए प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया और ग्रामीणों के बीच बड़ी संख्या में दैनिक उपयोगी सामग्रियों का वितरण भी किया.
209 कोबरा बटालियन के कमांडेंट ने बताया कि सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित इलाके में पुलिस की उपस्थिति का दूरगामी और सीधा प्रभाव होगा. जंगल, पहाड़, नदी, नालों से घिरे इलाके होने के कारण और नक्सली गतिविधियों के कारण सरकार के विकास कार्य यहां थम से गए थे, ऐसे में 209 कोबरा बटालियन के नए कैंप निर्माण से ग्रामीणों में आशा और उम्मीद की आस जगी है, पहली बार ग्रामीणों के बीच स्वास्थ्य शिविर का भी पुलिस ने आयोजन किया. ग्रामीणों ने बारी-बारी से अपने बीमारियों की जांच कराई और दवाईयां भी ली. अब आने वाले समय में सीमावर्ती नक्सल प्रभावित इलाके में सरकार के विकास कार्यों में बराबरी की भूमिका निभाएंगे. दुरूह और दूरस्थ इलाका होने के साथ साथ घोर नक्सल प्रभावित रायजेमा और कंदराकुटी गांव में अब विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए खूंटी की 209 कोबरा बटालियन ने सिविक एक्शन प्रोग्राम के माध्यम से एक लौ जलाने की शुरुआत की है, कोबरा बटालियन के कैम्प बनने से नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा, साथ ही नक्सली गतिविधियों की सूचना पर ससमय ऑपरेशन किए जा सकेंगे. साथ ही सरकार द्वारा चलाए जाने वाले विकास कार्यों का भी ग्रामीणों को सीधा लाभ मिल सकेगा. उम्मीद है आने वाले समय में अब यहां के ग्रामीण भी सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतरते देखेंगे.
कार्यक्रम में द्वितीय कमान पदाधिकारी पिंटू यादव, उपकमांडेन्ट मनीष कुमार और डिक्की पाण्डेय, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ रंजीत कुमार, सहायक कमांडेंट संजीत कुमार, झारखण्ड जगुवार के उप-कमांडेन्ट शशि भूषण सिंह और सहायक कमांडेन्ट भीम सिंह मीणा, सीआरपीएफ 196 बटालियन के रामकुमार (पीएनजी-डी), ग्रामप्रधान सुखलाल समेत बड़ी संख्या में बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल थीं.