रांची: एदारा ए शरिया झारखंड एवं झारखंड मुस्लिम मजलिस मुशवीरत ने आज संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधानसभा कक्ष में मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. मुख्यमंत्री से मिलने वालों में एदारा ए शरिया झारखंड के नाजिम आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मुशवीरत के महासचिव खुर्शीद हसन रूमी, हाजी हलीमुद्दीन, अकिलुर्रह्मान, मुफ्ती सलमान कासमी, मौलाना आफताब जिया, कारी जान मोहम्मद, मौलाना मुजीबुर्रहमान, काजी उजैर, हाजी सऊद, मौलाना अनवर, शफीक अंसारी थे.
ज्ञापन में लिखा है की नागरिकता संषोधन कानून ,सी ए ए के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदरशन हो रहे हैं. यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 एंव 15 का उल्लंघन है, जिसमें भारत के नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त है. इस कानून के लागू होने से देश के कई इलाकों में रहने वाले मूल निवासियों के सामने पहचान और आजीविका का संकट पैदा हो जायेगा. दरअसल असम राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर ,एनआरसी के तहत 19 लाख लोगों की भारतीय नागरिकता खत्म होने के खतरे से बचने के लिए नागरिक्ता संसोधन एक्ट ,सीएए लागू किया गया है.
19 लाख लोगों में करीब पांच लाख मुसलमान हैं और बाकी या तो बांग्लादेशी हिंदू हैं या फिर झारखंड से रोजी रोटी की तलाश में असम में रह रहे आदिवासी हैं. यह भी स्पष्ट है कि राष्टीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर, राष्ट्रीय नागरिक्ता रजिस्टर ,एनआरसी का पहला चरण एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने के लिए एदारा ए शरिया झारखंड ने मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी के नेतृत्व में हाजी हुसैन अंसारी से भी मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा.