ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन व हर परिवार को अनाज उपलब्ध कराने पर होगी चर्चा
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में ग्रामीण विकास और खाद्य आपूर्ति विभाग की समीक्षा करेंगे. समीक्षा बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम और खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव उपस्थित रहेंगे. इस बैठक में हर जरूरतमंद परिवारों को राशन उपलब्ध कराने और ग्रामीण विकास की योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने पर चर्चा होने की उम्मीद है.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कल कहा है कि राज्य के श्रमिकों का कल्याण और उनका सर्वांगीण विकास वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है, इसके लिए विभाग के रिक्त पदों को भरने के लिए जनवरी 2021 तक रोड मैप तैयार करें. उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए रफ्तार से काम करने वाली टीम बनाएं. श्रमिक आजीवन मजदूर नहीं रहेंगे.
सोरेन ने कहा कि झारखंड को श्रमिक प्रधान राज्य के रूप में पहचान मिली है, इससे बाहर निकलना होगा. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जरूरतें बदल चुकीं हैं. इन जरूरतों के अनुसार नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करना होगा. उन्हें प्रोत्साहित करने एवं अवसर देने की आवश्यकता है. आने वाले दिनों में यह नई पीढ़ी राज्य के सशक्त आधार बन कर उभरेंगे.
मुख्यमंत्री कल श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग द्वारा भी अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाती है. विधायकगण के लिए वर्कशॉप का आयोजन कर श्रमिकों की लाभकारी योजना की जानकारी दें, जिससे जनप्रतिनिधि क्षेत्र के श्रमिकों को लाभान्वित कर सकें.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बच्चे परिवार, राज्य और देश के भविष्य होते हैं, इन्हें कुपोषण से बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे.
उन्होंने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए विभाग पूरी तत्परता, सजगता और प्रतिबद्धता से कार्य करे. राज्य को हर हाल में कुपोषण मुक्त करने की दिशा में कार्य करना है. राज्य के आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएं. बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं को प्रतिबद्धता के साथ लागू करें.
राज्य में कुपोषित बच्चों और एनीमिया पीड़ित महिलाओं का सर्वे कर पहचान करें तथा हेल्थ वर्कर्स इनका मेडिकल चेकअप करा कर डाटा तैयार करें. मुख्यमंत्री ने बाल संरक्षण योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि बाल संरक्षण योजना के तहत एक मॉडल तैयार करें, जिसमें हर गांव के अनाथ बच्चों की परवरिश के लिए उसी गांव की विधवा बहनों तथा वैसे व्यक्ति जो परिवार में अकेले हैं उन्हें जोड़ें.
इस तरह के मॉडल तैयार होने से बच्चों को एक पारिवारिक माहौल मिलेगा. इससे बच्चों की परवरिश भी अच्छी हो सकेगी और विधवा बहनों तथा परिवार में अकेले रहने वाले व्यक्तियों को भी सामाजिक सुरक्षा के साथ जोड़ा जा सकेगा.