शशिभूषण दूबे कंचनीय,
प्रयागराज: जिले के बारा तहसील में सुप्रीम कोर्ट ने तालाबों और जलाशयों पर अतिक्रमण हटाने के संबंध में सख्त आदेश दिया हो किंतु जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण खुलेआम तालाबों पर कब्जा करते हुए, उच्च न्यायालय की धज्जियां उड़ाई जा रही है. जबकि तालाबों पर कब्जे का सीधा असर पर्यावरण संतुलन पर पड़ता है.
भ- गर्भ जल स्तर भी गिर जाता है. तालाब जल संरक्षण की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. विकासखंड कौधियारा के ग्राम पंचायत बरसवल(मजरा गढ़वा खुर्द) तालाब संख्या 284 जिसका क्षेत्रफल 0.8450 हेक्टेयर है. जिस पर कब्जेदारो ने पहले ही कब्जा कर लिया था एवं उसी तालाबी क्षेत्रफल में दर्जनों सरकारी शौचालयों का निर्माण भी ग्राम प्रधान ने करवा दिया था किंतु मौजूदा समय में मनरेगा की मजदूरी से आधे तालाब पर अतिक्रमण कर लिया गया है.
वोट बैंक के चक्कर में ग्राम प्रधान कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. किंतु आरआई एवं हल्का लेखपाल की चुप्पी के कारण कब्जेदारों के हौसले बुलंद हैं.
क्षेत्र के गढ़वा कला, माही, बरसवल, कुई, नचना, कुलमई, धरी, बेनीपुर, कुकुढी़, ढोंढरी, कांटी आदि दर्जनों गांवों में तालाब पाटने में होड़ लगी है.