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कोटपा-2003 की धाराओं के प्रवर्त्तन की स्थिति के आधार पर हुआ मूल्यांकन
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राज्य के 16 जिलों में कराया गया था सर्वेक्षण
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धूम्रपान रोकने के लिए सरकार द्वारा तय किया गया है कानून
पूर्णियां: तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना द्वारा कराए गए मूल्यांकन के अंतर्गत पूर्णियां जिला को “धूम्रपान मुक्त जिला” घोषित किया गया है.
अब जिले में कही भी बिना आदेश और तम्बाकू से होने वाले नुकसान के बैनर के बिना धूम्रपान का क्रय-विक्रय कानूनन जुर्म होगा. इसके अलावा स्कूलों के आसपास,18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को धूम्रपान करते हुए पाए जाने पर, सार्वजनिक स्थलों पर थूकने इत्यादि करते हुए पाए जाने पर भी लोगों को सजा दी जाएगी.
अनुपालन सर्वेक्षण प्रतिवेदन के आधार पर हुआ घोषित :
जिला एनसीडी पदाधिकारी डॉ. भी.पी. अग्रवाल ने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कोटपा-2003 की विभिन्न धाराओं के प्रवर्त्तन की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा बिहार आर्थिक अध्ययन संस्थान, पटना के माध्यम से अनुपालन सर्वेक्षण कराया गया था.
इस सर्वेक्षण के आधार पर पूर्णियां को कोटपा-2003 की धाराओं का प्रवर्त्तन “धूम्रपान मुक्त जिला” के मानकों के अनुरूप पाया गया. इसलिए संस्थान द्वारा पूर्णियां को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया गया.
16 जिलों का हुआ था मूल्यांकन:
प्रवर्त्तन की स्थिति का मूल्यांकन के लिए 16 जिलों का चयन किया गया था. इन 16 जिला में अरवल, भोजपुर, बेगूसराय, दरभंगा, मुंगेर, पटना, पूर्णियां, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, शेखपुरा, जमुई, लखीसराय, जहानाबाद, गया, सीतामढ़ी एवं सुपौल शामिल थे.
सर्वेक्षण प्रतिवेदन के अनुसार 10 जिलों को धूम्रपान मुक्त घोषित किया गया. इन 10 जिलों में पूर्णियां, अरवल, गया, जमुई, जहानाबाद, लखीसराय, मधुबनी, मुंगेर, सीतामढ़ी और सुपौल को कोटपा-2003 की धाराओं के अनुसार धूम्रपान मुक्त के अनुरूप पाया गया. विदित हो कि इन 16 जिलों में से 4 जिला- मधुबनी, मुंगेर, लखीसराय एवं जहानाबाद पूर्व से ही धूम्रपान मुक्त घोषित किया जा चुका है.
धूम्रपान रोकने के लिए सरकार द्वारा तय किया गया है कानून:
तंबाकू सेवन को रोकने के लिए सरकार द्वारा कानून का भी निर्धारण किया गया है. इसके लिए तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा लागू किया गया है.
तंबाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) के तहत तय किया गया कानून :
– सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये की जुर्माना देय है (धारा-4).
– तंबाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर 1 से 5 साल की कैद व 1000 से 5000 तक का जुर्माना देय है (धारा-5).
– 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तंबाकू पदार्थ बेचने वालों को 200 रुपये जुर्माना लगाया जाता है (धारा-6).
– बिना चित्रित व पैकेट के 85% भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ बेचने पर 2 से 5 साल की कैद व 1000 से 10000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है (धारा-7).