वाम-धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक और जन संगठनों का संयुक्त प्रेस वक्तव्य
रांची: किसान संगठनों के आह्वान पर भाजपा सरकार द्वारा लाये गए खेती और किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और बिजली (संशोधन) बिल वापस लिए जाने की मांग को लेकर आयोजित आज के भारत बंद को झारखंड में अभूतपूर्व तरीके से सफल बनाने के लिये वाम और धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियां राज्य की जनता को बधाई देती है.
यह बंद पूरी तरह स्वत:स्फूर्त और शांतिपूर्ण था. पूरे राज्य मे साहेबगंज से लेकर गढवा तक और पश्चिमी सिंहभूम से लेकर कोडरमा तक बंद का व्यापक असर रहा. झारखंड से गुजरने वाले तमाम राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूर्वाह्न 11बजे से अपराह्न 1बजे तक वाहनों को आवागमन ठप्प रहा. बड़े और छोटे सभी प्रकार के प्रतिष्ठान और दुकान बंद रहे. कोयला, लौह अयस्क और बाक्साइट की ढुलाई बुरी तरह प्रभावित हुयी.
राजधानी रांची मे बंद का व्यापक असर रहा क्योंकि चैंबर ऑफ कॉमर्स को छोड़कर( जिसने बंद का न सर्मथन और न ही विरोध किए जाने की घोषणा की थी) अन्य सभी व्यवसायिक और ट्रेडर संगठनों ने बंद का समर्थन करते हुए कल ही अपने सदस्यों से काम बंद रखे जाने की अपील की थी. जिसके चलते राजधानी के सभी बड़े और छोटे दूकानदारों ने अपनी दूकानें बंद रखी और कई जगह जुलूस भी निकाला.
वामदलों – माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), मासस और फारवर्ड ब्लॉक सहित अन्य धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियों ने अपने – अपने पार्टी कार्यालयों से जुलूस निकाल कर मेन रोड होते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पर आकर धरने पर बैठ गए.
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप से माकपा के गोपीकांत बक्सी, प्रकाश विप्लव,सुखनाथ लोहरा मो. इकबाल समीर दास, सुरेश मुंडा, सुभाष मुंडा,प्रफुल लिंडा भाकपा के अजय सिंह, ए. के, रसीदी, उमेश नजीर और फरजाना फारुकी, भाकपा (माले) के जनार्दन प्रसाद भुवनेश्वर केवट, मासस के सुशांत मुखर्जी, राजद के अभय सिंह, राजेश यादव और अनिता यादव समेत झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के कई नेता शामिल थे.