पटना: बिहार में कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर आरजेडी के सीनियर नेता शिवानंद तिवारी ने सवाल उठाया था. तिवारी ने कहा था कि राहुल गांधी के पास देश का नेतृत्व करने और चलाने की क्षमता नहीं है. लेकिन अब यह सवाल महाराष्ट्र की राजनीति में भी उठने लगा है. इसको लेकर शिवसेना ने भी कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया है.
महाराष्ट्र में कांग्रेस के बूते सरकार चला रही शिवसेना ने अब राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकजुटता को लेकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. शिवसेना ने कहा है कि यूपीए का नेतृत्व अब कांग्रेस की बजाय किसी अन्य दल के पास होना चाहिए. शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि यूपीए का नेतृत्व शरद पवार को सौंप देना चाहिए.
शिवसेना के मुखपत्र सामना में संपादकीय के जरिए केंद्र में मौजूद विपक्षी एकजुटता पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं. इसमें यूपीए का नेतृत्व शरद पवार को सौंपने की वकालत की गई है. साथ ही साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाए गए हैं. शिवसेना का कहना है कि जब तक यूपी में बीजेपी विरोधी सभी दलों को शामिल नहीं किया जाता तब तक के विपक्ष मोदी के सामने बेअसर साबित होता रहेगा.
शिवसेना ने विपक्ष के नेताओं के प्रति सरकार के रवैया को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. सामना में लिखा गया है कि दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन शुरू है. 1 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है लेकिन विपक्ष बेहद कमजोर स्थिति में नजर आ रहा है. आंदोलन के बावजूद सत्ता में बैठे लोग बेफिक्र नजर आ रहे हैं और इसके लिए सबसे बड़ा कारण कमजोर विपक्ष है.