नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस विपक्ष के साथ-साथ अपनों के भी निशाने पर आ गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एक बार फिर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. कुछ समय पहले शीर्ष नेतृत्व को पत्र लिखकर बदलाव की मांग करने वाले नेताओं में शामिल कपिल सिब्बल ने कहा कि बिहार और उपचुनावों में हालिया प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के विचार अब तक सामने नहीं आए हैं. उन्होने कहा कि पार्टी ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियती मान ली है
इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा, ‘देश के लोग, न केवल बिहार में, बल्कि जहां भी उपचुनाव हुए वहां जाहिर तौर पर कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मानते, यह सच्चाई है. आखिर बिहार में विकल्प राजद ही था. हम गुजरात में सभी उपचुनाव हार गए. लोकसभा चुनाव में भी हमने वहां एक भी सीट नहीं जीती थी.
उत्तर प्रदेश के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में, उप-चुनावों के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवारों ने 2% से भी कम वोट पाए. गुजरात में हमारे तीन उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. तो लेखन दीवार पर है. मेरा एक सहकर्मी, जो सीडब्ल्यूसी का एक हिस्सा हैं उन्होंने दूसरे दिन एक बयान दिया, ‘मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस आत्मनिरीक्षण करेगी.’
सिब्बल से जब पूछा गया कि कांग्रेस नेतृत्व इसे सामान्य घटना मान रहा है, तो सिब्बल ने कहा, ‘मुझे नहीं पता. मैं सिर्फ अपनी बात कर रहा हूं. मैंने इस संबंध में नेतृत्व को कुछ कहते नहीं सुना. इसलिए मुझे नहीं पता. मुझ तक सिर्फ नेतृत्व के ईर्द-गिर्द के लोगों की आवाज पहुंचती है. मुझे सिर्फ इतना ही पता होता है.’ सिब्बल ने कहा कि अगर 6 सालों से कांग्रेस ने आत्मविश्लेषण नहीं किया तो फिर इसके बारे में उम्मीद करने से क्या?