रांची: रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि देश में घोटालों का नया कृतिमान बनाने वाली और लंबे समय तक दीमक की तरह चाट कर देश को बर्बाद करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का कोयला खदानों के नीलामी पर विरोध करना हास्य प्रद है.
कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए कि कोयला घोटाले में उसने जो गड़बड़ी की थी वह इस देश की सबसे बड़ी गड़बड़ी थी. ऐसा पहली बार हुआ था जब प्रधानमंत्री तक पर सीधे आरोप लगे थे. कोयला खदानों के आवंटन से संबंधित फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय से गायब हो गई थी. यह सब कुछ कांग्रेस के शासन में हुआ इतना ही नहीं कांग्रेस के नेता तो या कहते रहे हैं कि ₹1 में 15 पैसा ही जनता तक पहुंचता है. कुल मिलाकर कहे तो कांग्रेस का इतिहास घोटालों का ही इतिहास रहा है.
2004 से 2009 तक के शासन में अवैध तरीके से कांग्रेस ने कॉल ब्लॉक का आवंटन किया जिसमें 10 लाख करोड़ रु से ज्यादा का नुकसान हुआ कोयले की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि देश को 50 साल तक बिजली उपलब्ध कराई जा सकती थी परंतु कांग्रेस के कुकर्म के कारण देश आज इस स्थिति में पहुंचा है.
कोयला खदानों के नीलामी पर कांग्रेस का विरोध दरअसल देश के लिए नहीं है. कांग्रेस घोटालों की इतनी आदि हो चुकी है कि उसे यहां भी घोटाला दिख रहा हैं लेकिन इन्हें विश्वास होना चाहिए कि देश सुरक्षित हाथों में है. किसी भी कीमत पर कोई भी गड़बड़ी नहीं हो सकती है. कोयला खदानों की नीलामी पर कांग्रेस और तमाम विपक्षी पार्टियों को बोलने का कोई नैतिक हक नहीं है क्योंकि कोयला घोटाला करके उन्होंने अपना मुंह खुद काला किया है.
भारत प्रतिवर्ष डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का कोयला आयात करता है. कुछ मामलों में हमारी मजबूरी है. जैसे कुकिंग कोल हमारे पास सीमित मात्रा में है इसलिए इसका आयात हम नहीं रोक सकते परंतु नन कुकिंग कोल का भंडार हमारे पास पर्याप्त है. इसके बावजूद भी कोयले का आयात करना समझ से परे है.
एक तरह से कहूं तो यह अपराध ही है. भारत को कोयला उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार ने व्यवसायिक खनन के तहद नीलामी की प्रक्रिया शुरु की है. अब तक उड़ीसा झारखंड, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में कुल 41 खदान नीलामी के लिए प्रस्तावित है जहां से सालाना अधिकतम 225 मिलियन टन कोयला उत्पात किया जा सकेगा.
कोयला उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बने इसके लिए सरकार ने कई सुरक्षित कदम उठाए हैं. खदानों की नीलामी में भाग लेने के लिए कड़े मापदंड तय किए गए हैं. खुद देश के प्रधानमंत्री इन मामलों में कई बार कह चुके हैं. इसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकती है. इसलिए हम पर विश्वास करना चाहिए.
कोयला के क्षेत्र में निजी कंपनियो की भागीदारी हमारे लिए लाभदायक है इसे कोयला क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा होगी और इसका लाभ कहीं ना कहीं देश और संबंधित क्षेत्र को होगा केंद्र सरकार ने विश्वास दिलाया है कि संबंधित क्षेत्र और वहां के नागरिकों का भरपूर ख्याल रखा जाएगा.
हमें सरकार की बातों पर विश्वास करना चाहिए जिस पार्टी की अभी सरकार है उसका उद्देश सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रीय हित है कांग्रेस और तमाम घोटाले करने वाले इसके सहयोगी जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं परंतु जनता इनका सच जान चुकी है.