रांची: झारखंड की राजधानी रांची समेत राज्य के सभी जिलों में सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और फिर हत्या तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ दो घंटे का सत्याग्रह कर आवाज बुलंद करने की कोशिश की.
राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका के समक्ष पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं ने धरना दिया.
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में डॉ. रामेश्वर उरांव कहा कि हर शासनकाल में घटना घटती है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन जिस तरह से उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या मामले में मुंह बंद करने की कोशिश की गयी, यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह भी गंभीर बात है कि जब घटना के पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत अन्य नेता हाथरस जाने की कोशिश की, तो पहले उन्हें रोकने की काफी कोशिश की गयी. दूसरी पार्टियों के नेताओं पर भी लाठियां बरसायी गयी.
डॉ. उरांव ने कहा कि हद तो तब हो गयी, जब इस घटना पर यूपी के एक पुलिस अधिकारी का बयान आया कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ ही नहीं. उन्होंने कहा कि वे भी एक रिटायर पुलिस अधिकारी रहे है, जिस तरह से यूपी के पुलिस अधिकारी ने बयान दिया, उसकी वे भर्त्सना करते है.
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का यह स्पष्ट व्याख्या आ चुका है कि पीड़िता यदि अपने साथ दुष्कर्म की बात कहती है, तो उससे नाकारा नहीं जा सकता, साक्ष्य मिलना मायना नहीं लगता है.
इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मामले में सारी हदों को पार करने का काम किया.
पहले एक दलित बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया और फिर योगी सरकार ने उनका बचाव करते हुए उसके पिता को अंतिम संस्कार करने का मौका भी नहीं दिया. आधी रात में, मध्य रात्रि में पुलिस की ओर से जबरन अंतिम संस्कार कर पिता और परिवार के अधिकारों के साथ भी बलात्कार किया गया.
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि हाथरस की घटना जितनी दुर्भाग्यपूर्ण है, उससे भी दुःखद है कि यूपी सरकार और केंद्र सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों को भी दबाने की कोशिश में लगी है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से पहले दिन राहुल गांधी के साथ एक पुलिसकर्मी ने दुर्व्यवहार किया, वह निंदनीय है. वहीं दूसरे दिन जिस तरह से एक पुरुष पुलिसकर्मी ने कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी के साथ बर्ताव किया, उसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम होगी.
सत्याग्रह में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता छोटू समेत अन्य नेता-कार्यकर्ता उपस्थित थे.