नई दिल्ली: राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र पर बीते दिनों से केंद्र के दबाव में आकर काम करने के आरोप लगते आ रहे हैं. ऐसे में उन्होंने बीते बृहस्पतिवार को इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके लिए देश के संविधान से बड़ कर कुछ नहीं है, संविधान ही सर्वोपरि है.
राज्य में 14 अगस्त से विधानसभा सत्र
इस दौरान राज्यपाल ने राज्य की गहलोत सरकार का कोरोना महामारी के रोकथाम के साथ-साथ विकास कार्यों की ओर ध्यान आकर्षित करने के बात कही है. उन्होंने गहलोत कैबिनेट की ओर से सत्र को लेकर भेजे गए प्रस्ताव की बात करते हुए कहा, उन्होंने सत्र बुलाने को लेकर राज्य सरकार को हमेशा संवैधानिक प्रावधानों का पालन करने का निर्देश दिया. फिलहाल उन्होंने 14 अगस्त को विधानसभा का सत्र बुलाने के राजस्थान मंत्रिमंडल द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त कर दी है.
मुझ पर कोई दबाव नहीं है- राज्यपाल
ऐसे में जब राज्यपाल से कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘राज्यपाल के लिए संविधान सर्वोपरि होता है. मुझ पर कोई दबाव नहीं है.’ उन्होंने कांग्रेस विधायकों के धरना प्रदर्शन पर अफसोस जताया है. उन्होंने कहा, संवैधानिक पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति को खिलाफ इस तरह का व्यवहाक ठीक नहीं है.
‘गेस्ट हाउस‘ कांड का किया जिक्र
कांग्रेस विधायकों के हाल में हो रहे प्रदर्शन और 1995 में यूपी में तत्कालीन राज्य सरकार के विरोध में बीजेपी विधायकों द्वारा किए गए प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में राज भवन के बाहर प्रदर्शन किया गया था और किसी उस दौरान किसी भी प्रकार के शिष्टाचार का उल्लंघन नहीं किया गया था. उस दौरान बीजेपी ने ‘गेस्ट हाउस’ कांड के विरोध में प्रदर्शन किया था, जिसमें कथित तौर पर सपा नेताओं के इशारे पर कुछ लोगों ने बसपा सुपीमो मायावती पर हमला बोल दिया था.
कोरोना महामारी को लेकर जागरुकता फैलाए सरकार
राज्यपाल मिश्र से पूछा गया कि राजस्थान सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं, तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कि राज्य सरकार को विकास कार्य की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहिए. उन्होंने कहा, सरकार को राज्य में जारी कोरोना महामारी से निपटने के लिए कार्य तेज करने चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को आम आदमी का ध्यान रखना चाहिए. जनता के बीच वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए लगातार जागरुकता फैलाने के प्रयास करने चाहिए. ऐसा माहौल बनना चाहिए कि लोग डरें नहीं. महामारी रोकने के लिए हरसंभव प्रयास होने चाहिए.