आशीष
मुजफ्फरपुर : सदर अस्पताल में ओपीडी के बाद अब सैंपलिंग पर भी संकट गहरा गया है. सदर अस्पताल के अधिकांश डॉक्टर और कर्मचारियों के छुट्टी पर जाने से यह स्थिति उत्पन्न हो गई है. डॉक्टर और कर्मचारी फिलहाल काम पर आने को तैयार नहीं हैं. वहीं कोरोना के बढ़ते संक्रमण का असर रविवार को जूरन छपरा से लेकर सदर अस्पताल तक देखा जा सकता था. इन इलाकों में पूरी तरह से दुकानें बंद रहीं और हर ओर सन्नाटा पसरा रहा.
बीते सप्ताह सदर अस्पताल के एक चिकित्सा पदाधिकारी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद जिले में कोरोना संक्रमण का जो विस्फोट हुआ वह बढ़ते ही जा रहा है. चिंता की बात यह है कि संक्रमितों में बड़ी संख्या डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की है.
रविवार को सैंपलों की आयी रिपोर्ट में आठ संक्रमित पाए गए हैं. इसके साथ जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 502 हो गई. संक्रमितों की संख्या की पुष्टि एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ.विकास कुमार ने की है। इधर, जिला प्रशासन ने सोमवार से सघन जांच और नियमों की अनदेखी पर कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है। इसके लिए छह टीमें भी रविवार को गठित कर दी गई.
सदर अस्पताल को किया गया सैनेटाइज
कोरोना के बढ़ते संक्रमण से शहर में लगातार दहशत भी बढ़ता जा रहा है. आईएमए ने 10 दिनों के लिए निजी डॉक्टरों के क्लीनिक, नर्सिंग होम व अस्पतालों में ओपीडी को बंद कर दिया है. दूसरी ओर प्रशासन ने ऐतिहातन दो दिनों के लिए सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा को बंद कर दिया है. इस दौरान शहर के बाजारों के साथ सदर अस्पताल को सैनेटाइज किया गया। प्रभारी सीएस डॉ. सीके दास ने बताया कि सदर अस्पताल की इमर्जेंसी सेवा व प्रसव कार्य जारी है। सोमवार को लक्षण वाले मरीजों के सैंपल लेने का काम होगा। बताया कि सदर अस्पताल के चप्पे-चप्पे को सैनेटाइज किया गया है। सोमवार को दोबारा सघन सैनेटाइजेशन होगा। शहर के अन्य इलाके में भी दमकल से दवा का छिड़काव किया गया।
कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील
सदर अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी के कोरोना के चपेट में आने , अन्य डॉक्टर व कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने और कई के होम क्वरंटाइन जाने के कारण दिक्कतें बढ़ गई हैं। वहीं, भय से सदर अस्पताल के कर्मचारियों ने शनिवार से कार्य का बहिष्कार कर दिया है। इस बीच अस्पताल प्रशासन ने उनकी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिलाते हुए उनसे काम पर लौटने की अपील की है.