रांची: रांची वीमेंस कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई एक और दो की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. कुमारी उर्वशी तथा डॉ. गीता सिंह ने “ कोरोना वायरस से बचाव तथा नियंत्रण कार्यक्रम ” के अन्तर्गत एक सन्गोष्ठी आयोजित की तथा रांची विमेंस कॉलेज, रांची की राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई एक की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. कुमारी उर्वशी ने कहा कि भारत सरकार देश में कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि किसी को भी डरने या चिंता करने की जरूरत नहीं है. देश में वायरस का संक्रमण ज्यादा न फैले, इसके लिए सरकार पहले दिन से ही मुस्तैद है. जो मामले सामने आ रहे हैं, उनका पूरा इलाज किया जा रहा है. “कोरोनो वायरस” से घबराने और डरने के स्थान पर इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करे और निम्नलिखित सावधानी बरतें. आपकी समझदारी, सजकता, बुद्धिमानी और बहादुरी आपको इस खतरनाक कोरोनो वायरस से आपको और आपके परिवार को बचा सकती.
इस वायरस का आकार 400-500 माइक्रोन का है अर्थात यह अन्य वायरस से बड़े आकार का है, इसलिए किसी भी तरह के मास्क लगा लेने से इस वायरस से बचाव संभव है. अपने मुंह पर मास्क जरूर लगाएं. यह वायरस, खांसी, छिक, श्वास और छूने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचकर बीमारी फैलता है और मुख्यतः स्वशन तंत्र और फेफड़ों पर आक्रमण करता है. इस वजह से हमारे फेफड़े कमज़ोर हो जाते है और शरीर मे ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाती. इस वजह से शरीर के दूसरे अंग ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाते. इसी वजह से कई बार व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है. यह वायरस धातु की सतह पर 12 घंटे, कपड़ो पर 9 घंटे, और हमारे हाथों तथा शरीर पर 10 मिनट तक जीवित रहता है. इसलिए अपने आसपास और घर में सफाई रखें.
कपड़ो को अच्छी तरह से धोएं तथा दो घंटे तक उन्हें धूप में रखने से ये वायरस मर जाता है. अपने हाथों को अधिक से अधिक बार साबुन से साफ करें. साबुन से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक रगड़े फिर साफ पानी से धोए. अपने हाथों को अल्कोहल सेनीटाईजर या हैंड सेनीटाईजर से दिन में कई बार अवश्य साफ करें. गंदे हाथों से अपनी नाक या मुंह को स्पर्श न करें. गंदे हाथों से कुछ भी न खाए और न ही कुछ पिये. अपने मुंह को सूखा न रखे, हर 15 मिनट में कम से कम एक घूंट गुनगुना पानी जरूर पिये. यदि गुनगुना पानी पियेंगे तो बहुत ही लाभदायक रहेगा. यह वायरस 26-27℃ से ऊपर के तापमान पर जीवित नहीं रह पाता इसलिए गर्म स्थान पर रहे, दिन में कुछ समय के लिए अपने आपको सूर्य के प्रकाश में जरूर रखे.
आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक, बर्फ, ठंडाई, बाजार की लस्सी, ठंडा छाछ और अन्य ठंडी वस्तुओं का सेवन बिल्कुल भी न करे. बाजार में मिलने वाले दूध से बने उत्पाद जैसे चीज, बटर, मेयोनेज इत्यादि, जो फ्रिज में रखे जाते हो, का सेवन बिल्कुल भी न करें.
बाहर के खाने से बचे. नमक युक्त गर्म/गुनगुने पानी से गरारे करें. इस तरह गरारे करने से ये वायरस हमारे फेफड़ो तक नही पहुंच पायेगा. तुलसी, लौंग, अदरक और हल्दी का गर्म दूध के साथ रोजाना सेवन करें, या इन्हें पानी मे डालकर इसका काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सेवन करे इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. कपूर, लौंग, इलाइची और जावित्री को एक साथ पीसकर, इसकी कपड़े की छोटी पोटली बनाकर हमेशा अपने साथ अपने जेब या पर्स में रखे और समय समय पर इसे सूंघते रहे.
गिलोय या गिलोयवटी का सेवन करें. नीम की पत्तियों का सेवन करें. विटामिन-सी युक्त फलों जैसे संतरा, मौसंबी, आंवला और सब्जियों जैसे निम्बू का सेवन अवश्य करें. विटामिन-सी युक्त टेबलेट का भी सेवन कर सकते है. लोगों से न तो हाथ मिलाए, न उनसे गले मिलें. बात भी करनी हो तो कम से कम 5 फीट की दूरी रखकर ही बात करें. सार्वजनिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले स्थानों में न जाएं.
डॉ. गीता सिंह ने कहा कि प्रतिदिन प्राणायाम और सूर्यनमस्कार जरूर करें. ये आपके श्वसन तंत्र और फेफड़ो को मजूबत करता है तथा शरीर मे ऑक्सिजन की मात्रा को बढ़ाता है. यदि किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, कफ, बुखार हो तो उसे डॉक्टर के पास तुरंत जाने की सलाह दे. संक्रमित व्यक्ति से स्वयं दूर रहे. शाकाहारी, संतुलित और हमेशा ताजा भोजन करे. ताजी हरी सब्जियों का अधिकाधिक सेवन करे.
मांसाहार का सेवन बिल्कुल न करे. फ्रिज में रखी ठंडी वस्तुओं का सेवन बिल्कुल न कर. यदि आपके संपर्क में कोई अशिक्षित या गरीब व्यक्ति है, जिसके पास इस जानकारी का अभाव है तो उसे जरूर यह जानकारी, और इस बीमारी और इससे बचाव के बारे में सही जानकारी जरूर दे. घर के सभी सदस्यों विशेषकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को उपरोक्त समस्त जानकारियां जरूर दे. हमारी समझदारी, सजगता और सही जानकारी हमे और हमारे देश को इस खतरनाक बीमारी से बचा सकती है.
सिरदर्द, नाक बहना, खांसी, गले में खराश, बुखार, अस्वस्थता का अहसास होना, छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना, थकान महसूस करना, निमोनिया और फेफड़ों में सूजन आदि कोरोना वायरस के संक्रमण में आने के लक्षण है. संक्रमित लोगों की एकल कक्ष में अकेले में नियमित जांच की जा रही है, ताकि इस बीमारी को और बढ़ने से रोका जा सके. चिकित्सक भी विशेष सतर्कता बरत रहे हैं. उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाई गई कई तरह की फ्लू रोधी, एचआईवी, स्वाइन फ्लू और निमोनिया जैसे रोगों में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं की विशेष खुराक दी जाती है. यात्रा नियमों में बदलाव किए गए. अनावश्यक यात्राओं के बचने को कहा गया है. सभी प्रभावित देशों से ई-वीजा, आगमन पर वीजा आदि सुविधाएं बंद की गई हैं.
कोरोना के कहर को लेकर लोगों को घबराने की कतई जरूरत नहीं है. थोड़ी-सी सावधानी और साफ-सफाई इस महामारी को आपके पास फटकने की भी नहीं देगी. अगर आपको भी संक्रमण का खतरा सता रहे है तो जांच कराएं. विशेषज्ञों का मानना है कि खासकर तीन स्थितियों में ही जांच कराने की जरूरत है. कोरोना से बचाव के लिए सामान्य सावधानियां बरतना जरूरी हैं. अगर कोई लक्षण दिख रहा है तो जांच कराएं. हर किसी को जांच कराने की जरूरत नहीं है.
कब जांच कराएं
1. बुखार खांसी, सांस लेने में परेशानी, गला खराब होने जैसे लक्षण होने पर जांच कराएं
2. यदि आपने हाल में किसी ऐसे इलाके की यात्रा की है, जो कोरोना से प्रभावित है
3. अगर ऐसे किसी परिचित के संपर्क में आए हैं, जिसने प्रभावित क्षेत्र की यात्रा की है
कैसे होती है जांच यह भी जाने. नेजल एस्पिरेट विधि में संदिग्ध की नाक में सॉल्यूशन डालकर जांच की जाती है. वहीं, स्वाब टेस्ट में एक कॉटन के जरिए गले से स्वाब का नमूना लेते हैं. संक्रमण के अंदेश पर एमएमजी अस्पताल या जिला संयुक्त अस्पताल जाकर जांच कराई जा सकती है. निजी अस्पतालों में यदि कोई संदिग्ध मरीज पहुंचता है तो वह इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देते हैं.
जांच के बाद नमूने जांच के लिए दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में भेजे जाते हैं जहां से 48 घंटे में रिपोर्ट मिल जाती है. रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजी जाती है. अगर रिपोर्ट में बीमारी के लक्षण दिखे तो स्वास्थ्य विभाग तत्काल सक्रिय हो जाता है. मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे एमएमजी अस्पताल और जिला संयुक्त अस्पताल लाने या घर में ही निगरानी में रखने की व्यवस्था की जाती है. सावधानी सबसे जरूरी है. कोरोना वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों से फैलता है. खांसते या छींकते वक्त अपना मुंह ढंक लें. हाथ को अच्छी तरह धोएं. भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. जो लोग संक्रमित इलाके से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं, उन्हें अकेले रहने की सलाह दी जाती है. 14 दिनों तक ऐसा करने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे चालू है. जांच और इलाज संबंधी किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क कर सकते हैं. 108 नंबर डायल करके एंबुलेंस मंगा सकते हैं. एक 108 नंबर एंबुलेंस संदिग्ध रोगियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए आरक्षित है. मास्क सभी के लिए जरूरी नहीं.
डिवीजनल सर्विलांस यूनिट के प्रभारी डॉ. अशोक तालियान ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करने वाले, जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए. बाकी लोगों को मास्क पहनने की जरुरत नहीं है.
किरण कुमारी, राजनीति शास्त्र की छात्रा, एकता कुमारी , मनोविज्ञान की छात्रा, ऋचा कुमारी मनोविज्ञान की छात्रा,नूतन स्वाति, राजनीति शास्त्र की छात्रा ने भी अपने विचार रखे.