जयपुर: नोवेल कोविड-19 यानी कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर के सैकड़ों वैज्ञानिकों ने एक नया दावा किया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस एयरबोर्न यानी हवा में फैलने वाला वायरस है. 32 देशों के 239 साइंटिस्ट्स ने अपनी इस रिसर्च के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से इस वायरस को लेकर की गई सिफारिशों में संशोधन करने को कहा है. हालांकि पहले भी इस वायरस के हवा के जरिए फैलने पर कई बहस हो चुकी हैं.
इस बीच हवा में मौजूद कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए जयपुर के मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MNIT) के स्टार्टअप ने यूवी (अल्ट्रा वॉयलेट) टावर का निर्माण किया है. इस टावर को लेकर संस्थान का दावा है कि यह हवा में मौजूद वायरस का बिना केमिकल के 20 मिनट में खत्म कर देगा. एमएनआईटी के स्टार्टअप ‘ऋषि अगस्त्य टेक्नोलॉजी’ की टीम ने इस टावर को ‘शुद्धि’ नाम दिया है. इसमें 6 लैंप से 30 वाट की नियत वेवलेंथ की पराबैंगनी किरणें निकलती हैं, जो जर्म, बैक्टीरिया, वायरस को खत्म कर सकती हैं.
मोबाइल से होगा ऑपरेट
यूवी टावर कमरे, ऑपेरशन थियेटर, कोविड वार्ड के साथ ही किसी कोच, बस, पब्लिक टॉयलेट को भी संक्रमण मुक्त करने की क्षमता रखता है. इसमें लगे लैम्प से निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणें बंद एरिया में फैलकर वायरस को खत्म करती हैं. हालांकि ये किरणें खतरनाक होती हैं, इसलिए व्यक्ति इस टावर को 50 फ़ीट दूर से ब्लूटूथ के ज़रिए मोबाइल से ऑन ऑफ कर सकता है. डीआरडीओ भी ऐसा टावर तैयार कर चुका है. लेकिन एमएनआईटी में टीम इसे रोबोट की तरह मूव कराने पर रिसर्च कर रही है.
पहले इसी टीम ने यूवी बॉक्स तैयार किए थे, जो कुछ ही सेकंड में चाबी, मोबाइल, पर्स, चश्मा, मास्क, सर्जिकल आइटम आदि को सेनेटाइज करते हैं. एक प्राइवेट लैब की टेस्ट में 45 सेकंड में फाइल और 1 मिनट में मास्क को सेनेटाइज किया गया.
टीम में एमएनआईटी के डायरेक्टर प्रो. उदय कुमार यारागट्टी और इन्क्यूबेशन सेंटर के हैड प्रो. ज्योतिर्मय माथुर के निर्देशन में प्रोजेक्ट के मेंटर डॉ. अरुण वर्मा के साथ स्टार्टअप के हितेश पाठक, जितेश त्रिवेदी, जनार्दन, कीर्ति मथुरिया शामिल हैं.