नई दिल्ली: कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. हर उम्र के लोग इससे प्रभावित हुए है. कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. लेकिन देश में कोरोना से मरने वाले लोगों में सबसे ज्यादा 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग हैं. सरकारी डेटा के अनुसार, कोरोना से मरने वाले 85 फीसदी लोग 45 साल से ज्यादा उम्र के हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण ने मीडिया को बताया कि देश की कम से कम 25 प्रतिशत आबादी 45 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग की है और कोरोना से संबंधित 85 फीसदी मौतें इसी आयु वर्ग में हुई हैं। इस उच्च जोखिम आयु समूह पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश कोरोना महामारी से लड़ाई में अच्छा कर रहा है। इसके अलावा अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना से मरने वाले मरीजों की दर सबसे कम है
- 14 साल या उससे कम उम्र के बच्चों की संख्या एक फीसदी है.
- कोरोना से मरने वाले 15 से 29 साल के लोगों की संख्या तीन फीसदी है.
- कोरोना से मरने वाले 30 से 44 साल के लोगों गकी संख्या 11 फीसदी है.
- कोरोना से मरने वाले 45 से 59 साल के लोगों की संख्या 32 फीसदी है.
- देश में 60 से 74 साल की आयु के लोगों की आबादी आठ फीसदी है.
- कोरोना से मरने वाले 60 से 74 साल के लोगों की संख्या 39 फीसदी है.
- कोरोना से मरने वाले 75 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या 14 फीसदी है.
- एक अप्रैल को देश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 8.3 फीसदी था.
- आठ जुलाई को कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट बढ़कर 62 फीसदी हो गया.