वैज्ञानिकों ने किया खुश करने वाला दावा
नई दिल्ली: पिछले कई दिनों से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, की कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों के शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज कितने दिनों में खत्म हो जाती हैं, इसको लेकर क्योंकि इसे लेकर अब तक कोई नतीजा सामने नहीं आया था, लेकिन अब एंटीबॉडीज से मिलने वाली इम्यूनिटी को लेकर एक अच्छी खबर सामने आ रही है. यह खबर आइसलैंड से आई है. दरअसल, वहां 30 हजार लोगों पर किए गए अध्ययन के नतीजों के मुताबिक, एक बार कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज लोगों को कम से कम चार महीनों तक इम्यूनिटी दे सकती हैं. कहा जा रहा है कि यह दुनिया का पहला ऐसा अध्ययन है, जिसमें इतनी लंबी अवधि तक इम्यूनिटी बने रहने का दावा किया जा रहा है.
यह अध्ययन आइसलैंड की एक बायोटेक कंपनी डीकोड जेनेटिक्स ने किया है. इस स्टडी के नतीजे द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में भी प्रकाशित हुए हैं, जिसमें लिखा गया है कि ‘इन नतीजों को देखकर यह उम्मीद जगती है कि कोरोना वायरस के प्रति मिलने वाली इम्यूनिटी तुरंत खत्म नहीं होती है.’
हाल ही में हांगकांग में कोरोना से दोबारा संक्रमण का एक मामला सामने आया था, जिसमें एक युवक कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुका था और उसके शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी भी बन चुकी थी, लेकिन वह दोबारा संक्रमित हो गया. इस संबंध में कहा गया कि उसके शरीर में बनी एंटीबॉडी साढ़े चार महीने में खत्म हो गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में मुंबई के जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स में एंटीबॉडी से संबंधित एक रिसर्च हुई थी, जिसमें अस्पताल के उन कर्मचारियों को भी शामिल किया था, जिन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था और वो ठीक हो गए थे. शोध में यह पाया गया था कि जो लोग तीन से पांच हफ्ते पहले कोरोना सं संक्रमित पाए गए थे, उनमें से 90 फीसदी लोगों में महज 38.8 फीसदी ही एंटीबॉडी बची थी. शोध के मुताबिक, संक्रमण के तीन हफ्ते बाद तक शरीर में सबसे ज्यादा एंटीबॉडीज होती हैं, लेकिन ये जल्दी ही खत्म भी हो जाती हैं.
एंटीबॉडी क्या है?
दरअसल, शरीर में वायरस से लड़ने और उसे बेअसर करने के लिए प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्यून सिस्टम जिस तत्व का निर्माण करता है, उसे ही एंटीबॉडी कहते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो कई बार संक्रमण के बाद शरीर में एंटीबॉडीज के बनने मेंएक से दो हफ्ते तक का वक्त लग सकता है.
कैसे पता करें कि शरीर में एंटीबॉडी बनी है या नहीं?
इसके लिए सीरोलॉजिकल टेस्ट होता है, जिसमें खून का सैंपल लेकर जांच की जाती है. इसे एंटीबॉडी टेस्ट भी कहते हैं. इसके अलावा शरीर में एंटीबॉडी की जांच के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट भी किया जाता है.