जोधपुर: IIT जोधपुर के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 वायरस सार्स-कोव-2 की न्यूरोइंवेसिव प्रकृति की खोज की है जो बताता है कि संक्रमित रोगियों को गंध एवं स्वाद का नुकसान उनकी समस्त सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) और मस्तिष्क में अंतनिर्हित संरचना को प्रभावित कर सकता है. जिसके प्रभाव अति विनाशकारी हो सकते है.
डॉ. सुरजीत घोष और उनकी टीम का कहना है कि सार्स-कोव-2 HSE2 ( ह्यूमन एंजियोटेंसिन कन्वर्टिंग इंजाइम 2) नामक एक विशिष्ट मानव रिसेप्टर से संपर्क के लिए जाना जाता है. यह वायरस का प्रवेश बिंदु भी होता है और लंग्स पारेनचेम्या से नैजल म्युकोसा तक अधिकांश मानव अंगों में सर्वव्यापी उपस्थिति होती है. ब्रेन भी इस रिसेप्टर को व्यक्त करने के लिए जाना जाता है.
उन्होंने इसी तथ्य को स्वाद या गंध के लिए नुकसान का कारण बताया है कि नाक और मुंह वायरस के बहुत महत्वपूर्ण प्रवेश बिन्दु हैं जो इसके बाद धीरे-धीरे ओल्फैक्ट्री म्युकोसा के न्यूरॉन का उपयोग करते हुए ओल्फैक्ट्री बल्ब तक अपना रास्ता बना ले सकता है. अग्र मस्तिष्क में स्थित ओल्फैक्ट्री बल्ब वह संरचना है जो गंध की अनुभूति के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है.
यह कोविड-19 के कई लक्षणरहित वाहकों के साथ जुड़े गंध के नुकसान की व्याख्या करता है और सीएनएस को वायरल संक्रमण के समक्ष उजागर भी कर सकता है. एसीएस कैमिकल न्यरोसाईंस में स्वीकृत एवं विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक सांविधिक निकाय साईंस एंड इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा समर्थित इस शोधपत्र ने संभावित उपचारात्मक कार्यनीतियों का सुझाव दिया है जिसे कोविड-19 के न्यूरोलाजिकल अभिव्यंजनाओं को समझने के आधार पर इससे लड़ने के लिए अपनाया जा सकता है.
इस शोधपत्र में हाल ही में कोविड-19 वायरस से संक्रमित एक रोगी के ब्रेन स्कैन (सीटी एवं एमआरआई) पर संचालित एक अध्ययन का स्मरण किया गया है जो एएनई नामक एक दुर्लभ एनसेफालोपैथी को प्रदर्शित करता है जो मस्तिष्क शिथिलता एवं मानसिक भटकाव की ओर ले जाता है.
इससे संकेत मिलता है कि सीएनएस में एसीई2 रिसेप्टर्स की उपस्थिति में, मस्तिष्क ओल्फैक्ट्री बल्ब और अन्य पेरिफेरल नर्व टर्मिनलों या सामान्य रक्त संचार के जरिये वायरस से संक्रमित हो सकता है और इनरवेट में ब्लड-ब्रेन बाधा को तोड़ सकता है और सीएनएस पर हमला कर सकता है.
वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह हिंडब्रेन, जो श्वसन, दिल और रक्त वाहिका के कार्य को नियंत्रित करता है, मेडुलाओब्लोनगाटा को भी पूरी तरह नष्ट कर सकता है.
शोधपत्र में एनोसमिया (गंध की कमी) एवं एगेउसिया (स्वाद की कमी) के साथ कोविड-19 के बिना लक्षण वाले वाहकों के लिए चेतावनी भी दी गई है कि जैसे ही उन्हें इस प्रकार महसूस हो, इससे पहले कि वे खुद कैरियर में तबदील हो जाएं, उन्हें तुरंत सेल्फ क्वारांटाइन में चले जाना चाहिए और विशेषज्ञ नेफ्रोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए. इसमें कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के ब्रेन ऑटोप्सी एवं उनके सेरेब्रोस्पाइनल फ्लुइड के विश्लेषण का भी सुझाव दिया गया है.