रवि सिंह,
UP: एनकाउंटर के लिए अपनी बंदूकों में गोलियां भरकर तलाश रही यूपी पुलिस को चकमा देकर वह महाकाल का दर्शन करने पहुंचा. वहां उसने अपनी पहचान को इस तरह उजागर किया कि कहीं से भी पुलिस यह ना कह सके कि दबिश के दौरान गोली चली और वह पकड़ा गया. उस ने सरेंडर किया और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रह गई.
अब इतना निश्चित हो गया कि विकास दुबे जब ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा जाएगा तो यूपी पुलिस अपने 8 जवानों की शहादत का बदला लेते हुए ना तो उसे गोली मार पाएगी ना उसका एनकाउंटर कर पाएगी और ना ही उसे अधिक से अधिक यातना भी दे पाएगी ,क्योंकि यह तो निश्चित है कि फरीदाबाद से 800 किलोमीटर दूर उज्जैन अगर विकास दुबे पहुंचा है और होटल में जो कपड़े पहने थे वह कपड़े भी बदले हुए थे, इसका स्पष्ट मतलब है कि उस वक्त किसी न किसी बड़े लोगों का ही शेल्टर मिला था जिसने बड़े आराम से उसे 800 किलोमीटर की दूरी तय करा दी. जबकि पुलिस उसे दिल्ली बॉर्डर पर तलाश रही थी ,नेपाल बॉर्डर पर तलाश रही थी, गोरखपुर में तलाश रही थी.
विकास दुबे जब उत्तर प्रदेश आएगा तब बहुत सारी बातों से पर्दा उठेगा कि कौन उसका मददगार था, और इस दौर में उसने क्यों सरेंडर करने की सोची और इसमें उसके कौन-कौन मददगार थे.
प्रश्न ये उठता है कि उसने महाकाल मंदिर को ही क्यों अपने सरेंडर के लिए चुना? तो जो स्थितियां बताती हैं कि सबसे पहले तो उसने महाकाल के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई. उसे मालूम है कि यह सावन का महीना चल रहा है महाकाल के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ होगी. यहां किसी भी प्रकार पुलिस उस पर गोली नहीं चला सकती है.
उसने खुद भी मीडिया के जमावड़े के पास यह प्रदर्शित कर दिया कि मैं विकास दुबे कानपुर वाला हूं. अपने आईडी कार्ड को उसने दिखाया और पुरी पहचान सिक्योरिटी गार्ड को बताया. जिससे मामला पुलिस तक पहुंचा और वह गिरफ्तार हो गया. उसकी गिरफ्तारी की जो भी फुटेज टीवी में चली उसमें सब में उसके साथ सिर्फ सिपाही स्तर के ही लोग नजर आ रहे हैं और अगर विकास दुबे के वहां होने की संभावना के साथ दबिश होती तो उसमें बड़े अधिकारी भी शामिल होते.
एक सिपाही का ,जो उसे पीछे पैंट से पकड़ा था उसके द्वारा यह चिल्लाने पर कि मैं ही कानपुर वाला विकास दुबे हूं उसे खींचकर एक झापड़ भी मारना दिखाया जा रहा है. यह बताता है कि यह पुलिस जो उसे गोली मारने के लिए तलाश रही थी विकास दुबे भी झापड़ खाकर बहुत संतुष्ट होगा कि चलो यह सब रिकॉड है. इसलिए कोई उसे अब मार नहीं सकता. उसने जहां चाहा जैसे चाहा अपनी गिरफ्तारी दी.