रांची: पल्स पोलियो अभियान 19 जनवरी 2020 से शुरू हो रहा है. इससे एक दिन पूर्व कार्यक्रम का राज्य स्तरीय उद्घाटन शनिवार को डोरंडा स्थित राजकीय औषधालय में किया गया.
इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने कहा कि इस साल पल्स पोलियो कार्यक्रम के 25 साल पूरे हो रहे हैं. 1995 में यह कार्यक्रम शुरू हुआ था. हमारे देश के लिए यह उपलब्धि रही है कि पिछले 10 सालों में पोलियो का एक भी मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है. यह सभी आप लोगों के सम्मिलित प्रयास से संभव हुआ है.
डॉ कुलकर्णी ने कहा कि हर साल पोलियो का एक चक्र आयोजित किया जाता है. विभागीय तौर पर करीब एक लाख लोग इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं. इसके अलावा नैशनल कैडेट कोर्प के अलावा कई गैर सरकारी संस्थाओं का भी सहयोग इस कार्यक्रम में मिल रहा है.
अगर हम हर साल यह सुनिश्चित कर लें कि एक भी बच्चा पोलियो की दवा लेने से नहीं छूटे तो आने वाले वर्षों में हमें इस कार्यक्रम की जरूरत शायद नहीं पड़ेगी.
प्रधान सचिव ने कहा कि अभी यह कार्यक्रम इसलिए आवश्यक है क्योंकि हमारे पड़ोसी देशों में पोलियो के मामले पाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सबसे बड़ी समस्या शहर के वैसे स्लम बस्तियों से है जो आधिकारिक आंकड़ों में नहीं हैं, क्योंकि ऐसी जगहों पर शायद कोई आंगनबाड़ी केन्द्र न हो, वहां शायद ए.एन.एम भी नहीं हो तो हमें वहां पहुंचकर बच्चों को यह दवा जरूर पिलानी होगी.
डॉ कुलकर्णी ने कहा कि रांची शहरी क्षेत्र में इस कार्यक्रम की उपलब्धि संतोषजनक नहीं रहती है. पिछले साल शहरी क्षेत्र में लगभग 52 प्रतिशत उपलब्धि रही थी. इसलिए इस बार प्रयास करें कि रांची शहरी क्षेत्र के बूथों में 80-90 प्रतिशत उपलब्धि हो. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में कोल्ड चेन का भी पूरा ध्यान रखा जाना आवश्यक है.