नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ गए हैं. ब्रेंट क्रूड के दाम लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए. वहीं एशियाई बाजार में भी इसमें इजाफा देखने को मिला. इस हमले के बाद खाड़ी में अशांति और बढ़ सकती है. लिहाजा तेल के दाम में और इजाफा हो सकता है.
कच्चे तेल की कीमत में इजाफे के बाद भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों पर सीधा असर दिखा. कई कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई.
शुक्रवार को एशियाई बजार में कच्चे तेल के दाम 1.31 फीसदी का इजाफा हो गया और यह 67.12 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. लंदन और न्यूयॉर्क में फ्यूचर्स सौदे के दाम 4 फीसदी तक बढ़ गए.
हालांकि ईरानी जनरल पर इस हमले का किसी तेल प्लांट या प्रोडक्शन पर असर नहीं पड़ा है लेकिन इससे ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर पहुंच सकता है. इस तनाव का असर तेल सप्लाई पर पड़ना तय है. कच्चे तेल के दाम में फौरी तेजी इसी का असर है.
अगर कच्चे तेल के दाम में इजाफा होता है कि भारत में भी पेट्रोल-डीजल और महंगा हो सकता है. भारत में पेट्रोल -डीजल की महंगाई कम नहीं हुई है. चूंकि देश में ऑयल प्राइस ओपन मार्केट प्राइस से जुड़ चुके हैं. इसलिए किसी भी तेजी का असर यहां की कीमतों पर पड़ना तय है.