लंदन: जर्मन कंपनी बायोनटेक और अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर के डेटा सेंटर पर साइबर अटैक के बाद अब Moderna वैक्सीन का डेटा चुराने के लिए कंपनी के डेटा सेंटर पर साइबर अटैक हुआ है. मॉडर्ना वैक्सीन ने जानकरी दी है कि साइबर अटैक में उसके वैक्सीन से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज चोरी भी हुए हैं.
रॉयटर्स के मुताबिक सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि कंपनी को खुद इस साइबर हमले की जानकारी नहीं थी. कंपनी को इस बारे में पहली सूचना यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने दी. गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह डॉक्यूमेंट्स तब के हैं जब कंपनी अप्रूवल के लिए सरकारों के पास दस्तावेज भेज रही थी. इसी दौरान डॉक्यूमेंट्स चुरा लिए गए. EMA का जानकारी देना इसलिए भी अहम है क्योंकि यही यूरोपीय देशों में वैक्सीन को अप्रूवल देने वाली रेग्युलेट्री एजेंसी है. इसने कई महीने पहले ही आशंका जाहिर की थी कि कुछ कंपनियों के वैक्सीन का डेटा एक्सेस किया जा सकता है. बताया जाता है कि फाइजर और बायोएनटेक कंपनी पर भी सायबर अटैक की कई नाकाम कोशिशें हुईं.
Pfizer-BioNTech पर भी हुआ हमला
इससे पहले फाइजर-बायोनटेक पर हुए साइबर अटैक में कोरोना वायरस वैक्सीन से संबंधित फाइल्स को गैरकानूनी तरीके से एक्सेस किया गया था. इस साइबर हमले के दौरान ‘गैरकानूनी रूप से वैक्सीन से जुड़ी फाइलें एक्सेस’ की गयी हैं. एम्स्टर्डम की एजेंसी ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए यूरोपीय संघ के मेडिसिन रेगुलेटर (EMA) के पास अपील डाली है.
फाइजर ने एक बयान जारी कर कहा था कि इएमए सर्वर पर स्टोर फाइजर और बायोनटेक की कोरोना वैक्सीन, बीएनटी162बी2 से संबंधित कुछ दस्तावेज को गैरकानूनी रूप से एक्सेस किया गया है. इस घटना के संबंध में बायोनटेक या फाइजर से जुड़े किसी भी सिस्टम में सेंध नहीं लग पायी. उन्होंने कहा है कि इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि डेटा के एक्सेस होने के परिणामस्वरूप हमारे स्टडी में शामिल लोगों की पहचान की गई है या नहीं, लेकिन निशाने पर वही थे. क्सीन से जुड़ी संयुक्त रिसर्च का डेटा यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी के सर्वर पर मौजूद था और इसी पर साइबर हमला किया गया है.