रांची: जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा 10 दिसंबर को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में मानवाधिकार दिवस मनाया गया.
इसमें मुख्य न्याययिक दण्डाधिकारी फहीम किरमानी, सचिव अभिषेक कुमार, जेल अधीक्षक अशोक कुमार चौधरी उपस्थित थे.
इस अवसर पर डालसा ने अंतरबंदी कैदियों के बीच फुटबॉल टूर्नामेंट कराया. बंदियों को कानूनी अधिकारों की जानकारी दी.
मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी फहीम किरमानी ने बताया कि मानवाधिकार विश्व में रह रहे सभी व्यक्तियों को प्राप्त है. यह संयुक्त राष्ट्र महासभा से निर्देशित है. बंदी सहित कोई भी व्यक्ति अपने मानवाधिकार के उल्लंघन पर मानवाधिकार संस्थाओं को सूचित कर सकते हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि खेलकूद के माध्यम से बंदियों के बीच सुधारात्मक प्रक्रिया को लागू करना है.
डालसा सचिव अभिषेक कुमार ने संविधान के मूल अधिकारों के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि सभी व्यक्तियों को मूल अधिकारों के साथ-साथ मूल कर्तव्यों की जानकारी रखनी चाहिए. उसका पालन भी करना आवश्यक है. विधि के प्रारंभिक ज्ञान के महत्व को बताया. यह भी बताया कि आपको अपने अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ दूसरे के अधिकारों को भी संरक्षित करना चाहिए.
उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान की अनुच्छेद-22 में बंदियों को भी मूल अधिकार दिये गये हैं.
फुटबॉल टूर्नामेंट के फाईनल मैच के विजेता, उप विजेता टीम एवं उनके सभी खिलाड़ियों को मेडल, शील्ड एवं खेल सामग्री दी गई.
टूर्नामेंट में वार्ड नं0-5 के खिलाड़ियों को विजेता घोषित किया गया. मुख्य रूप से विचाराधीन बंदी खिलाड़ी डेविड होरो, चंद्रदेव उरांव, रोहित मुण्डा, चावा उरांव, मांगा तिर्की, अमन खान (गोलकीपर) नव किशोर मुण्डा, गणेश लोहरा, मनोज सिंह, मंगल उरांव, शंकर नाहक टूर्नामेंट में विजेता घोषित किये गये.
वार्ड नं0.-2 के खिलाड़ी उपेंद्र नाग (कप्तान), प्रदीप मिंज, प्रकाश महतो, नंद किशोर महतो, समीर टोप्पो, छोटू उरांव, इम्तियाज अंसारी, जयोतिष भेंगरा, सुभाष बड़ाईक, जयन्त आईंद, राकेश मुण्डू (गोलकीपर) टूर्नामेंट में उप-विजेता घोषित किये गये. डेविड होरो को मैन ऑफ द सीरीज, चंद्रदेव उरांव को मैंन ऑफ द मैच, सुभाष कुमार को बेस्ट स्कॉरर, बबलू उरांव को बेस्ट गोलकीपर, लॉरेन्स टोप्पो को बेस्ट लाईन मैन और मोती लाल महली एवं मनोज टोप्पो को बेस्ट रेफरी का सम्मान दिया गया.