रांची: हमारे 250 से 300 बच्चों ने स्कूल छोड़ दिए. पिछले 4-5 महीने में हमने 6 इम्पलोई को निकल दिया है. सरकार कहती है टीचर को पैसा दो, रोड टैक्स दो, इंश्योरेंस दो, लेकिन फीस में सिर्फ ट्यूशन फीस लो वो भी जबरदस्ती नहीं लो ऐसे में हमलोग कहां से पूरा करेंगे. ‘दिस इस क्वेश्चन ऑफ सर्वाइवल’
तो क्या झूठ बोल रहा है प्रबंधन ?
बीएनएन भारत ने इसी स्कूल की फीस की रसीद पर खबर बनाई थी, जिसमे बच्चों के अभिभावक से ट्यूशन फीस के अलावा कई अन्य प्रकार की फीस भी वसूले गए हैं. सवाल करने पर प्रबंधन ने गलती से फीस लिए जाने का बहाना बनाकर अपना पल्ला झाड़ लिया.
रसीद देखकर तो यही लगता है कि प्रबंधन ने अभिभावकों से पूरी फीस वसूल की है, बावजूद इसके सभी एम्पलोई का 60% तक सैलरी काट लिया गया. जैसा कि प्रबंधन और कृष्णा कुमार राम ने कहा है. इतना ही नहीं वर्षों से काम कर रहे कई एम्पलोई को बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया.
पहले तो प्रबंधन ने कहा कि निकाले गए एम्पलोई का टर्म्स एंड कंडीशन पूरा हो गया था. इसलिए निकाल दिया गया है. बाद में प्रबंधन ने कहा कि ‘दिस इस क्वेश्चन ऑफ सर्वाइवल नथिंग एल्स’. हालांकि सूत्रों के अनुसार स्कूल ऐसा पहली बार नहीं कर रहा है. इसके पहले भी कुछ शिक्षकों को इसी प्रकार से बहार का रास्ता दिखाया जाता रहा है.