चतरा: वायुमंडल को स्वच्छ बनाने और गहराते जल संकट की समस्या को कम करने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना जहां एक रूप में रामबाण साबित हो रही है वहीं वैश्विक महामारी कोरोना के संकट काल की घड़ी में अपने वतन को वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के समक्ष खड़ी बेरोजगारी तथा भुखमरी की विकराल समस्या से जूझने के लिए सरकार द्वारा उन्हें महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना के तहत भी जोड़ने का एक कारगर व ईमानदार प्रयास किया जा रहा है.
दरअसल मनरेगा योजना के तहत बिरसा हरित ग्राम योजना की आम बागवानी तथा नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के जरिए मेढ़बंदी कार्यों से इन प्रवासी मजदूरों तथा ग्रामीणों को जोड़कर उन्हें रोजगार मुहैया कराए जा रहे हैं.
चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड स्थित करनी पंचायत के चोरकारी गांव में बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत वृहद स्तर पर आम के पौधे लगाए जाने तथा नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना के तहत मेढ़बंदी का कार्य शुरू किया गया है. मनरेगा की योजना को धरातल पर उतारने और प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिहाज से उप विकास आयुक्त मुरली मनोहर जोशी चोरकारी गांव पहुंचे और आम के पौधे को लगाए जाने वाले बीट की गहराई नापने के साथ-साथ स्थल का जायजा लिया.
निरीक्षण के दौरान डीडीसी मजदूरों को जॉब कार्ड के अनुसार नाम पुकार कर बुलाया तथा संबंधित कार्य के बारे में उनसे जानकारी भी ल. इस मौके पर योजनाओं के निरीक्षण व कार्य की प्रगति पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया. फलों के राजा आम के पौधे को चोरकारी निवासी साधना सिंह की जमीन पर लगाया जाना है. उप विकास आयुक्त साधना सिंह से भी मिले और उन्हें आम की बागवानी को लेकर विशेष टिप्स दिए.
इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण काफी मजदूर दूसरे राज्यों से अपने घर लौट रहे हैं. इसलिए सभी प्रवासी मजदूरों को कार्य देने के लिए मनरेगा योजना में तीव्रता लाई गई है. मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार, अंचलाधिकारी बैजनाथ कामती, बीपीओ निरंजन सिंह समेत कई अन्य ग्रामीण मौजूद थे.