दुमका : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और पूर्व समाज कल्याण मंत्री डाक्टर लुईस मरांडी ने हाल में डीएमसीएच से गम्भीर अवस्था में प्रसव पीड़िता महिला का उचित इलाज किये बगैर रेफर करने तथा इलाज में विलम्ब होने की वजह से गर्भ में बच्चे की मौत होने के मामले को अति मार्मिक और पीड़ा दायक कहा है. उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से मामले की जांच कराने के साथ जिम्मेवार दोषियों को चिन्हित कर अविलंब विभागीय कार्रवाई तथा दुमका में दो एनेथेसिस्ट विशेषज्ञों को पदस्थापित करने की मांग की है.
डाक्टर मरांडी ने रविवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को इससे संबंधित पत्र भेजकर मामले में त्वरित कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने पत्र में कहा है कि दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एनेसिथेसिस्ट विशेषज्ञ के पद पर पदस्थापन नहीं होने के कारण यहां के लोगों को गम्भीर चिकित्सीय असुविधा से जुझना पड़ रहा है. आम लोगों की परेशानियों को ध्यान में रखकर कम से कम यहां दो एनेसिथेसिस्ट का पदस्थापन अविलंब किया जाये.
उन्होंने दुमका में दो दिनों पूर्व घटित घटना की ओर स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान रखें आकृष्ट कराते हुए कहा है कि दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रसव के लिए लाई गयी एक निर्धन आदिवासी महिला को अस्पताल में भर्ती करने के लगभग तीन घंटे के बाद रात के करीब आठ बजे बिना प्रसव कराए रेफर कर दिया गया. अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला को ऐसे समय में रेफर किये जाने एवं दूसरे अस्पताल में पहुंचने के क्रम में प्रसव पीड़ित महिला कालीदासी मरांडी के गर्भ में ही उसके बच्चे की मृत्यु हो जाना काफी दुखद और मार्मिक कर देने वाली दुर्भाग्य पूर्ण है. जिस दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल से महिला को रेफर किया गया , वहां वर्तमान में नौ स्त्री रोग( गायनो) विशेषज्ञ पदस्थापित हैं. इसके बावजूद आखिर किस परिस्थिति में गरीब प्रसव पीड़ित महिला को अन्यत्र रेफर किया गया. यह गम्भीर जांच का विषय है.
उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक घटना के बीच दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक का यह बयान आता है कि इस अस्पताल में कोई बढ़िया एनेथेसिस्ट नहीं है जो गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने सवालिया लहजे में लिखा है कि क्या कभी डाक्टर भी थोड़ा अच्छा और थोड़ा खराब हो सकते हैं? क्या दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इससे पहले कोई सिजिरियन प्रसव नहीं किया गया?।महिला की स्थिति इतनी गंभीर थी तो ससमय रहते उसे क्यों नहीं रेफर किया गया? क्या अस्पताल अधीक्षक द्वारा कभी भी विभाग को सूचना देकर एनेथेसिस्ट के पदस्थापन की मांग की गई? दो दिनों पूर्व घटित यह घटना ने कई सवाल छोडने के साथ इस अस्पताल की लचर व्यवस्था और कार्यशैली ने चिकित्सा व्यवस्था पर काला धब्बा लगा दिया है। इसलिए दुमका सहित संताल परगना वासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की दिशा में अविलंब आवश्यक पहल किया जाना चाहिए.