बिहार: बिहार में भीड़ हिंसा में हत्या का मामला दर्ज होने और 23 आरोपियों के जेल जाने के तीन महीने बाद मरने वाला युवक जिंदा लौट आया. पत्नी ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उस दौरान पटना पुलिस ने एक शव दिखाकर कहा था कि यही तुम्हारे पति हैं. पत्नी ने बताया कि उस वक्त चेहरा साफ नहीं दिख रहा था. पुलिस के कहने पर वह शव लेकर चली गई थी.
पत्नी ने बताया कि पैसा ना होने के चलते घर के बर्तन बेचने के साथ ही कर्ज लेकर पति का श्राद्ध किया. उसने बताया कि प्रशासन की ओर से कुछ भी नहीं मिला. वहीं, पांच महीने से लापता पति जिंदा लौट आए. फिलहाल इस लापरवाही के बाद से ही पुलिस की तरफ से कहा जा रहा है कि पुलिस ने मृतक के कपड़े पत्नी को दिखाए थे, और उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि यह उनके पति के ही कपड़े हैं.
पुलिस की लापरवाही इस बात से भी सामने आती है कि भीड़ हिंसा के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार हुए तीन माह से अधिक हो गए, पर अभी तक चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई. चार्जशीट नहीं होने का मतलब है कि पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई. जिन आरोपियों को जेल भेजा गया, उन पर तफ्तीश चल रही है. कोर्ट सूत्रों के अनुसार, इस मामले में दो आरोपियों को पटना उच्च न्यायालय और एक आरोपी को दानापुर अदालत से जमानत मिल गई.