देवघर:- उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 पर बैठक – सह – एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन नगर निगम कार्यालय के सभागार में किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त द्वारा विधिवत रुप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यशाला के तहत पीसीएनडीटी एक्ट, घटते लिंगानुपात, किशोरी स्वास्थ्य की जानकारी दी गई. देवघर जिला अंतर्गत घटते लिंगानुपात, पीसीएनडीटी एक्ट, महिला सशक्तीकरण, घटते लिंगानुपात कारण और निवारण, महिला असमानता का कारण और निवारण विषयों पर चर्चा की गई. कार्यशाला का संबोधन करतें हुए उपायुक्त ने कहा की कन्या भ्रूण हत्या आमतौर पर मानवता और विशेष रूप से समूचीत स्त्री जाति के विरुद्ध सबसे जघन्य अपराध है. जिले अंतर्गत लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या में कमी दर्ज किया जाना निश्चित ही चिंताजनक है. जिले में न सिर्फ लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या में काफी कमी दर्ज की गई है, अपितु पिछली जनगणना से तुलनात्मक रूप से भी इस मामले में स्थिति बदतर हुई है. आज अल्ट्रासाउंड के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे की पहचान आसानी से हो जाती है. लोग गर्भ में पल रही बेटियों की पहचान होने पर तुरंत गर्भपात करा लेते हैं. इससे महिलाओं के शरीर पर खराब असर पड़ता है. गर्भ में ही भ्रूण की हत्या करना महापाप है, जिस पर रोक लगाना अति आवश्यक है. इसके लिए जरूरी है कि आम जन प्रशासन को पूर्ण सहयोग प्रदान करे. उन्होंने आगे कहा कि आधुनिकता के इस दौर में लड़किया किसी भी सूरत में लड़कों से पीछे नहीं है. शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों का कोई मुकाबला नहीं है. बावजूद इसके कन्या भ्रूण हत्या की जाती है जो समझ से परे है.
ऐसा दुष्कृत्य करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई जरूरी है. जिला में लिंगानुपात को सुधारने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कड़े कदम उठाए जाएंगे. सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों की अचानक जांच की जाएगी. उन्होंने आम जन से भी अपील की है कि वे इस दिशा में जिला प्रशासन को सहयोग प्रदान करे और यदि उन्हें इस प्रकार की कोई भी जानकारी मिले तो फौरन उसकी सूचना जिला प्रशासन को प्रदान करें, ताकि समय पर कठोर कार्रवाई की जा सके. सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि जिले में किसी भी सूरत में कन्या भ्रूण हत्या नहीं होने पाये, इसके लिए अधिकारी पूरी तत्परता से काम करें.