रांची : झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने पुलिसकर्मियों के लिए जारी उस आदेश की आलोचना की है जिसमें कहा गया है कि जो पुलिसकर्मी छुट्टी से लौटेंगे उन्हें 14 दिनों के क्वारंटाइन के नियम का पालन करना होगा
और यह 14 दिन उनके अवकाश में से काटा जायेगा. यह आदेश 02/08/2020 को जारी किया गया था.
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कड़े शब्दो में विरोध करते हुए कहा है की यह कहां का न्याय है. ऐसा आदेश हमें अंग्रेजी हुकूमत की याद दिलाता है जब पुलिसकर्मियों का शोषण किया जाता था.
इस आदेश के बाद अब यही प्रतीत होता है की हम पुलिस कर्मियों का शोषण किया जा रहा है.
पहले ही 13 वें महीने के वेतन के नाम पर 20 दिनों का अवकाश समाप्त किया जा चुका है जबकि हमारे पड़ोसी राज्य बिहार में अभी भी क्षतिपूर्ति अवकाश के साथ 13वें महीने का वेतन भी दिया जा रहा है.
नरेंद्र कुमार ने कहा कि अगर कोई पुलिस कर्मी 3 दिनों की छुट्टी ले तो क्वारंटाइन का 14 दिन मिलाकर कुल 17 दिन की छुट्टी खत्म हो जाती है.
तो इसका मतलब यह हुआ की पुलिसकर्मी अब सालभर अवकाश नहीं लेंगे अगर लेंगे तब तो वेतन से पैसा काट लिया जाएगा. यह अन्याय नहीं तो क्या है?
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन हमेशा पुलिसकर्मियों के हक के लिए आवाज उठता रहा है. इसलिए एसोसिएशन इस आदेश का कड़ा विरोध करता है.
उन्होंने कहा कि,
देश और राज्य में और भी कई सरकारी कर्मचारी जैसे कि शिक्षक, प्रोफेसर क्लर्क आदि अन्य कर्मी काम कर रहें है. उनपर व्यापक असर नहीं पड़ेगा. लेकिन हम पुलिस वाले जो कोरोना काल में भी लगातार हर रोज 8 घंटे से भी ज्यादा ड्यूटी कर रहें है. हम पुलिस कर्मियों पर आर्थिक, मानसिक रूप से भयानक असर पड़ेगा, पहले ही कई पुलिस कर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, कई की मौत हो चुकी है फिर भी सरकार पुलिसकर्मियों के लिए न तो कोई एंश्यूरेंस की व्यवस्था कर पायी है और न ही उचित सुविधा मुहैया करा पा रही है.