नई दिल्ली: दिल्ली में चल रहा किताबों का सबसे बड़ा मेला- विश्व पुस्तक मेला में पाठकों की भागीदारी देखने लायक है. पाठक अपनी पसंद की किताबें खरीद रहे हैं और लेखक से मिलने का आनंद उठा रहे हैं.
राजकमल प्रकाशन के जलसाघर में पाठकों के बीच लेखिका महुआ माजी ने अपने शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास से एक छोटा सा हिस्सा पढ़ कर सुनाया. महुआ के दो उपन्यास ‘मैं बोरिशाइल्ला‘ और ‘मरंगगोड़ा नीलकंठ हुआ‘ राजकमल प्रकाशन से पहले से प्रकाशित है. मेले में पाठक इन किताबों को पसंद कर रहे हैं और खरीद रहे हैं.
लेखक से मिलिए कार्यक्रम में लेखक-आलोचक प्रभात रंजन और मृत्युंजय के उपन्यास के नाम को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए महुआ ने कहा, “उपन्यास के नाम को लेकर अक्सर मुझसे सवाल पूछे जाता है, लेकिन मैं बहुत पर्फेक्शनिस्ट हूं. जब तक उपन्यास पूरा न हो जाए नाम तय कर पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल होता है.“
महुआ के नए उपन्यास का पाठक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. भाषा और शिल्प में अपने लोक को समाहित करने वाली लेखिका हमेशा अपने उपन्यासो में नए विष्यों को लेकर आती हैं.