नई दिल्लीः उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हो रही हिंसा ने व्यापार को खासा प्रभावित किया है. छोटी मार्केट तो बंद ही हैं, साथ ही होलसेल मार्केट का धंधा भी मंदा हो गया है.
पूर्वी दिल्ली की हिंसा ने न केवल यमुना पार, बल्कि सदर बाजार और चांदनी चौक समेत पुरानी दिल्ली के सभी बाजारों की रौनक भी खत्म कर दी है.
व्यापारियों की मानें तो प्रतिदिन 100 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार प्रभावित हो रहा है. अनुमान है कि अभी तक 400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
पुरानी दिल्ली के सभी बाजार इन दिनों सूने पड़े हैं. उधर, हिंसा वाले इलाके से थोड़ी दूर स्थित गारमेंट के लिए मशहूर गांधी नगर, कृष्णा नगर का लाल क्वॉर्टर बाजार, जाफराबाद का जैकेट बाजार, मेहरा कॉलोनी स्थित फर्नीचर बाजार और गोकलपुरी का टायर बाजार समेत सभी स्थानीय बाजारों का व्यापार चौपट हो गया है.
गांधी नगर थोड़ी देर के लिए खुलता तो जरूर है, लेकिन जैसे ही अफवाह का बाजार गर्म होता है, तो दुकानदार घर लौट जाते हैं.
होलसेल रेडीमेड मार्केट अशोक बाजार गांधी नगर एसोसिएशन के अध्यक्ष केके बल्ली का कहना है कि गांधी नगर में महज 10-15 प्रतिशत ही व्यापार हो पा रहा है.
वेलकम, जाफराबाद, सीलमपुर में माल बनता है, लेकिन यहां भड़की हिंसा की वजह से सभी फैक्ट्रियां बंद हैं. इसी तरह मौजपुर, गोकलपुरी, करावल नगर में सबसे अधिक कारीगर रहते हैं.
हिंसा की वजह से वह घर से निकलने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं. होली पर पूरे देश के व्यापारी कपड़ा खरीदने यहां पहुंचते हैं, लेकिन इस बार धंधा मंदा हो गया है.
दिल्ली व्यापार महासंघ के अध्यक्ष देवराज बावेजा ने बताया कि अफवाहों की वजह से भी व्यापार चौपट है. रोज व्यापार करने पहुंचने वाले व्यापारी भी डर की वजह से सदर बाजार नहीं पहुंच रहे हैं.
शाम 6 बजे से पहले ही शटर बंद होने लगते हैं. पूर्वी दिल्ली से बनने वाला माल सदर बाजार नहीं पहुंच पा रहा है। त्योहार के दिनों में बाजार ठंडा पड़ा हुआ है.
व्यापारियों ने सभी से शांति की अपील की है. उन्होंने कहा है कि व्यापारियों के नुकसान के लिए सरकार को मुआवजा देना चाहिए.