नई दिल्ली:- दिल्ली में ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) के दौरान लाल किले में जिस तरह राष्ट्रीय ध्वज की जगह गैर-सामाजिक तत्वों द्वारा अलग समुदाय का झंडा फहराया गया उसे लेकर सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने के लिए अर्जी दाखिल की गई है. यह अर्जी मुंबई यूनिवर्सिटी के एक लॉ स्टूडेंट आशीष राय ने दाखिल की है. राय ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. राय ने कहा है कि इस तरह की गतिविधि से देश की भावना आहत हुई है और राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान हुआ है. राय ने इसे शर्मनाक घटना बताते हुए कोर्ट ने विशेष जांच समिति का गठन करने की मांग की है ताकि दोषियों को दंड दिया जा सके.
अपनी अर्जी में राय ने लिखा है कि – इस पत्र के माध्यम से, मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय से विनम्र निवेदन करना चाहता हूं कि २6 जनवरी 2021 किसानों के समूह द्वारा ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया था.इसमें ट्रैक्टर रैली कार्यक्रम को कुछ गैर सामाजिक तत्वों ने आतंकित करने की कोशिश की. जिसमें बड़ी संख्या में देश की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. और देश की विरासत लाल किले के साथ छेड़छाड़ की गई. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले के ऊपर जिस तरह से भारत के राष्ट्रीय ध्वज के स्थान पर दूसरे समुदाय के झंडे को लहराया गया है, उससे देश के सम्मान और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. यह एक शर्मनाक घटना है और इस घटना से पूरा देश भी आहत है, क्योंकि इस घटना से देश के संविधान के साथ राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान हुआ है. देश की भक्ति भावना आहत हुई है. इसलिए इस तरह की गतिविधि भारतीय नागरिक की संवैधानिक भावनाओं को नुकसान पहुंचाती है. इसलिए, माननीय उच्चतम न्यायालय से यह विनम्र अनुरोध है कि इस पूरे मामले पर एक विशेष जांच समिति का गठन किया जाए ताकि इस असंवैधानिक गतिविधि में शामिल असामाजिक तत्व के खिलाफ कठोर जांच की जाए ताकि अभियुक्तों को दंडित किया जा सके.