दिल्ली: दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में आरोपी शाहरुख पठान को अदालत ने अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया. पठान पर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक तानने का आरोप है. पठान ने अपनी मां की बीमारी का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत की मांग की थी.
कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आरोपी पठान की मांग को खारिज करते हुए उसे अंतरिम जमानत पर रिहा करने के से इनकार कर दिया. उन्होंने घटना के बाद पठान का रवैया और जिस प्रकार वह फरारा रहा और बाद में उसकी गिरफ्तारी के घटनाक्रम को देखते हुए कहा है कि उसके फरार होने का संदेह है. सोमवार को पारित अपने आदेश में अदालत ने कहा है कि पठाने पर हिंसा में शामिल होने का आरोप है और उसकी पहचान की जा चुकी है, लिहाजा इस मामले की गंभीरता के मद्देनजर उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश देना उचित नहीं होगा.
आरोपी पठान के वकील ने अतंरिम जमानत याचिका दाखिल करते अदालत को बताया था कि उसकी (आरोपी) मां के ऑपरेशन होना है. साथ ही कहा कि पठान मां की हालत खराब है, दस नवंबर को उनका ऑपरेशन होना है. इससे पहले वह अपने बेटे से मिलना चाहती हैं.
इस मामले में पुलिस पहले ही अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. पठान पर आरोप है कि उसने दंगों के दौरान उसने जाफराबाद इलाके में खुलेआम पहले हवा में गोलिया चलाई और फिर एक पुलिसकर्मी पर बंदूक तान दी. उसे उत्तर-प्रदेश के शामिली से गिरफ्तार किया गया था.