हजारीबाग: हजारीबाग वीमेंस काॅलेज की छात्रा सलीना यासमीन हत्याकांड की जांच सीआईडी या एसआईटी गठन करवाने की मांग को लेकर आज झारखंड छात्र संघ की केन्द्रीय सचिव नाजिया तब्बसुम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरने, सचिव राज्य मानवाधिकार आयोग, डीजीपी के नाम मांग पत्र दिया.
मांग पत्र में हजारीबाग पुलिस द्वारा किये गये जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कोरोना काल में हाॅस्टल बंद है, तो पलामू में प्रमोद तिवारी का हाॅस्टल कैसे चल रहा था और बिना पुलिस को जानकारी दिये युवक-युवती को रहने का जगह कैसे दिया, दोनों ने जब साथ में फांसी लगाया तो मौत सिर्फ युवती की हुई और युवक कैसे बच गया और उसने अपनो को फोन कर जानकारी दी, लेकिन युवती के परिवार सूचना क्यों नहीं दी.
मृत्य छात्रा के दाहिने पैर पर बहुत सारा सुखा खून कैसे लगा हुआ था. साथ ही उसके गर्दन पर जख्म के गम्भीर निशान कैसे थे.
छात्रा के आई-कार्ड के आधार पर उसे बालिग घोषित कर दिया गया, लेकिन लड़का जो ग्रेजुएट का छात्र है बिना उसका आई- कार्ड देखे नाबालिग कैसे कह दिया गया.
छात्रा के पिता ने 02 सितंबर को ही गुमसुदगी का कम्पेलन थाना में किया था, तो इसे गम्भीरता से लेकर खोजबीन क्यों नही की गई.
पुलिस ने प्रेम प्रसंग के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार किया है, जिसको देखने से प्रतीत होता है कि वो प्रिंस यादव और उसके सहयोगी को बचाने का काम कर रही है. छात्रा के पिता ने स्पष्ट कहा है कि उसकी बेटी को काॅलेज के पास से अगवा कर पलामू ले जाया गया और दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई है.