सुभाष प्रसाद सिंह,
जामताड़ा: राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलनअभियान को लेकर आज जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक समाहरणालय सभा कक्ष में उपायुक्त गणेश कुमार की अध्यक्षता में हुई.
बैठक में उपायुक्त ने राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियानको सफल बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया.
उन्होंने निर्देशित किया कि “‘कुष्ठ के विरुद्ध, आखिरी युद्ध”‘ की तर्ज पर इसे महात्मा गांधी के पुण्यतिथि 30 जनवरी से 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान- 2020 के तहत जिले के प्रत्येक गांव की ग्राम सभा व आंगनबाड़ी केद्रों सहित अन्य माध्यमों से कुष्ठ रोग के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना है, ताकि इस रोग के बारे में लोगों में फैली भ्रांतियां दूर हो सकें.
उन्होंने कहा कि अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए तमाम कर्मियों की जवाबदेही सुनिश्चित करें. उपायुक्त द्वारा बताया गया कि वैसे व्यक्ति जिनके शरीर पर कोई भी दाग धब्बा जो कि सुन्न हो, कुष्ठ का संभावित मरीज हो सकता है. पंजे में कमजोरी, उंगलियां में कमजोरी, आंख बंद करने में परेशानी, शरीर पर सुन्न दाग, दाग में लालपन अथवा सूजन तंत्रिका ओं में मोटा पन, दर्द अथवा झनझनाहट, लेपरा रिएक्शन आदि भी हो सकती है जो कि कुष्ठ का संकेत हो सकता है. इसकी सूचना तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को देनी चाहिए. इलाज में की गई देरी मरीज को अपंग बना सकती है. अपंगता वैसे ही मरीजों में होती है, जो समय पर चिकित्सा नहीं करा पाते जबकि इसकी चिकित्सा मुफ्त में उपलब्ध है.
यह बीमारी ना तो वंशानुगत होती है और ना ही यह पिछले जन्म के किसी पाप का फल है. यह सिर्फ अंधविश्वास है और हमें ऐसी बातों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना चाहिए. कुष्ठ रोगी अगर एमडीटी जोकि इसकी दवा है, का पूरा कोर्स कर लेता है तो रोग मुक्त हो जाता है. यह दवा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त में दी जाती है.
मौके पर सिविल सर्जन डॉ आशा एक्का, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सदर अस्पताल के अन्य चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे.