खूंटी: झारखंड राज्य में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक विद्यालय हैं. विद्यार्थियों की संख्या भी इन विद्यालयों में अच्छी खासी देखी जाती है. साथ ही विषयवार शिक्षक भी ससमय अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते है. बावजूद इसके शिक्षकों का गुजारा दुकानों से उधार पर टिका होता है. दूसरों के बच्चों को बेहतर तालीम देना इनके रूटीन आधारित ड्यूटी में शामिल होता है.
लेकिन अपने बच्चों को अल्पसंख्यक विद्यालय के शिक्षक बेहतर तालीम के लिए सरकार का मुंह ताकते ताकते थक जाते हैं, शायद इस माह भुगतान हो जाये या आने वाले माह में कुछ महीने का खुराक मिल जाये इसी उम्मीद में अपने शिक्षण कार्य के दायित्वों का निर्वहन करते हैं.
हम बात कर रहे हैं खूंटी जिले के अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालयों के 9 माह से लंबित वेतन भुगतान का. राज्य के अन्य सभी जिलों के अल्पसंख्यक विद्यालयों का भुगतान 2019 में ही किया गया लेकिन सिर्फ एकमात्र खूंटी जिले के अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालय का भुगतान अलॉटमेंट के बावजूद अधर में लटका हुआ था.
चुनाव के पूर्व भुगतान की उम्मीद थी लेकिन नहीं हुई, फिर दिसंबर के आखिरी हफ्ते में भी भुगतान नहीं किया गया. तब नई सरकार के बनते ही अल्पसंख्यक विद्यालय की समिति ने झाविमो जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा की अगुवाई में आरडीडी, डीईओ और उपायुक्त से मिलकर लंबित भुगतान मामले की जानकारी ली और नई सरकार से 4 माह के भुगतान के आदेश भी प्राप्त किया। अब अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों में लंबित भुगतान को लेकर थोड़ी राहत मिली है.