रांची: मुनिया, बासी और नीलमणि चंद दिनों पूर्व तक रांची की सड़कों में घूम- घूम कर जीवन यापन करने के लिए मजबूर थी. अब उन वृद्ध महिलाओं को आशियाना मिल गया है. सिर छुपाने के लिए छत, फटे पुराने कपड़ों की जगह नये अंगवस्त्र और सालों बिना चप्पल के सुन्न हो चुके इनके पैरों में नये चप्पल यकीनन अब इन्हें सम्मान के साथ जीने का हक देगी. आज इनके चेहरे पर गर्व के साथ ढेरों आशीर्वाद के भाव हैं. इन्हें इस बात का गुमान है कि राज्य के मुख्यमंत्री इतने संवेदनशील हैं.
मिला आशियाना और सम्मान
मुनिया, बासी और नीलमणि आज रांची के इटकी स्थित वृद्धा आश्रम पहुंच गईं हैं. अब इन्हें रांची की सड़कों पर घूम -घूम कर जीवन यापन करने की जरूरत नहीं. यहां इनके लिए समुचित इलाज की भी व्यवस्था की गई है.
ऐसे मिला आशियाना
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट के माध्यम से बताया गया कि ये तीनों वृद्ध महिलाएं पी पी कंपाउंड में आयोजित लंगर में भोजन करने आईं थी. ये शारीरिक रूप से दुर्बल और लाचार हैं. इसके लिए सरकार कुछ विचार करे.
इस मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने रांची के उपायुक्त को निर्देश देते हुए कहा कि इन माताओं के रहने की व्यवस्था यथाशीघ्र करें. मुख्यमंत्री का निर्देश प्राप्त होते ही बासी, मुनिया और नीलमणि को आशियाना मिल गया.