रांची: दुर्गा पूजा और दीवाली दे धनाधन होगा. इस पर बार भी बाजार बूम पर रहेगा. निजी और सार्वजनिक क्षेत्र से बोनस के रूप में लगभग 2500 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. यह राशि खरीदारी सहित विभिन्न क्षेत्रों में खर्च की जायेगी. इसमें से लोग 25 से 35 फीसदी बचत भी करेंगे. रेलवे सहित अन्य सरकारी उपक्रमों से बोनस के रूप में लगभग 750 करोड़ रुपये दिये जायेंगे.
दुर्गापूजा में 500 करोड़ के कारोबार की संभावना
दुर्गापूजा में लगभग 500 करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना है. राजधानी में भी लगभग 200 करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना जताई जा रही है. इसमें कपड़ा का कारोबार 20 से 25 करोड़ रुपये का होगा. इसके अलावा टूर और इंटरटेनमेंट में भी खर्च किये जायेंगे. वाहनों की बुकिंग और खरीदारी में 50 से 60 करोड़ रुपये खर्च की संभावना है. धनतेरस में आभूषणों पर 55 से 60 करोड़ खर्च होने की संभावना है. इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्टों में लगभग 20 करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना है. मेडिकल-ट्रीटमेंट व अन्य सुविधाओं में लगभग 8 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है.
धनतेरस में बरसेगा धन
धनतेरस में भी धन बरसेगा. राजधानी में दुर्गा पूजा के पहले से ही सभी तरह के प्रोडक्टों की बुकिंग शुरू हो गयी है. ज्वेलरी में लगभग 40 करोड़ के कारोबार की संभावना है. ब्लश कलेक्शन में लाइटवेट में 18 कैरेट गोल्ड 1.88 ग्राम से 4.43 ग्राम के आभूषण और ग्लैम गोल्ड में 22 कैरेट के आभूषण बाजार में उपलब्ध करा दिये गये हैं. इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट की बिक्री में भी 50 फीसदी की वृद्धि हुई है. दीपावली में लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना है.
300 करोड़ की प्रोप्रर्टी डीलिंग भी
बाजार के जानकारों के अनुसार राज्य भर में लगभग 300 करोड़ रुपये के प्रोपर्टी डीलिंग की भी संभावना जताई जा रही है. क्रॉकरी और स्टील के बर्तन में भी लगभग 10 करोड़ के कारोबार की संभावना है. मिक्सचर, बिस्किट और चॉकलेट में लगभग सात करोड़ का कारोबार होगा. इन तीनों में लगभग 300 वेराइटियां उपलब्ध कराई गयी हैं.
किस क्षेत्र में बोनस का कितना खर्च होगा
- ज्वेलरी- पांच से छह फीसदी
- शेयर एंड सेविंग- 10 से 12 फीसदी
- फरर्नीचर- पांच से छह फीसदी
- कपड़ा- 40 से 50 फीसदी
- टूर एंड इंटरटेनमेंट- पांच से आठ फीसदी
- उधार चुकता- 10 से 15 फीसदी
- मेडिकल एवं ट्रीटमेंट- 15 से 20 फीसदी
- वाहन- 25 से 30 फीसदी
- झारखंड में किस चीज का कितना बढ़ा है कारोबार
- इलेक्ट्रॉनिक प्रोड्क्ट- 55 फीसदी
- एलपीजी- 70 फीसदी
- मशीनरी उपकरण- 60 फीसदी
- शराब- 100 फीसदी
- होजियरी- 70 फीसदी
- तकनीकी संयत्र- 110 फीसदी
- हार्डवेयर- 190 फीसदी
- फर्नीचक- 70 फीसदी
- किराना गु़ड्स- 50 फीसदी
- मशीनरी पार्ट्स- 50 फीसदी