धनबाद: उद्योगों का जाल बिछाने हेतु उद्यमियों को जमीन उपलब्ध कराना एवं हवाई अड्डा का निर्माण यह दो प्रमुख सुझाव गुरुवार को इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन सभागार में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की घोषणा पत्र समिति की बैठक में आये.
जीटा के महासचिव राजीव शर्मा ने सुझावों के आलोक में बताया कि जिले में इंडस्ट्रीज पॉलिसी बनने चाहिए. किसी भी इंडस्ट्रीज के चलने में 24 घण्टे बिजली की आवश्यकता पड़ती है.
इसके साथ साथ बिजली में उन्हें सब्सिडी देने की भी जरूरत है. इससे प्रोडक्शन भी बढ़ेगा.
धनबाद से सटे बंगाल में इंडस्ट्रीज बढ़ रहे हैं. कोलकाता के उद्यमी जिले में इंडस्ट्रीज लगाना जरूर चाहते हैं पर जमीन की उपलब्धता नहीं होने तथा हवाई सेवा के अभाव में धनबाद इंडस्ट्रियल हब बनने से पिछड़ रहा है.
मोमेंटम झारखण्ड में कई प्रान्तों के उद्यमियों को झारखण्ड में इंडस्ट्रीज लगाने का आमंत्रण मिला. झारखण्ड के उद्यमियों को अभी तक यह आमंत्रण नहीं मिला.
आईएमए अध्यक्ष डॉ एके सिंह ने समिति के समक्ष चिकित्सकों के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने का सुझाव दिया. उन्होंने अपने तर्क में कहा कि यह एक्ट अन्य प्रांतों में लागू है जब्कि झारखण्ड इससे अछूता है.
चिकित्सको के मान-सम्मान को बचाए रखने हेतु इस एक्ट को झारखण्ड में लागू करने की जरूरत है. डॉ संगीता करण ने कन्या भ्रूण हत्या मामले में पीसीपीएनडीटी एक्ट में संशोधन करने के सुझाव दिए.
उन्होंने कहा कि भ्रूण जांच के मामले में सीधे-सीधे चिकित्सक को जिम्मेवार बताया जाता है जब्कि इसमें समाज को भी जागरूक करने की जरूरत है.
युवा नेता महेश पासवान ने अपने सुझावों में कहा कि बीसीसीएल के क्वाटर एवं सरकारी जमीन में वर्षो से बसे लोगो को जमीन और क्वाटर आवंटित कर दिया जाना चाहिए. तीन-तीन पीढ़ियों से लोग यहां रहते आ रहे हैं.
सरकार का ध्यान इस ओर भी जाना चाहिए. सेबी के फेकल्टी बीएस गुप्ता इंडस्ट्रीज में व्यवहारिकता , इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ावा शिक्षण संस्थानों में मोनेटरिंग पर सुझाव रखे.
बैठक में सांसद एवं विधायक ने भी सुझाव रखे. विधायक राज सिन्हा ने कहा कि धनबाद में कई संस्थान जरूर है बावजूद यहां चिकित्सक आना नहीं चाहते.
प्राइवेट अस्पतालों में आकर अपनी सेवा दे भी रहे हैं जब्कि सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल जाना नहीं चाहते हैं.
यह एक गम्भीर विषय है और इसपर चिंतन करने की जरूरत है. ऐसी व्यवस्था बनानी होगी जिससे कि चिकित्सक सरकारी अस्पतालों में सेवा देने में संकोच नहीं करें.
उन्होंने कहा धनबाद में हवाई सेवा की उपलब्धता जरूरी है. रोजाना डेढ़ सौ से दो सौ लोग रांची या कोलकाता जाकर हवाई यात्रा करते हैं.