चतरा: चतरा जिले के टंडवा प्रखंड मुख्यालय की लाईफ-लाईन माने जाने वाली गेरुआ नदी पुल पर बना डायवर्सन एक माह भी नहीं टिक सका. मानसून की पहली बारिश में ही डायवर्सन बह गया. देर शाम तेज हवाओं के साथ हुए मूसलाधार बारिश से गेरुआ पुल पर बने डायवर्सन फिर टूट गया. जिसके कारण चतरा जिला मुख्यालय समेत हज़ारीबाग व बड़कागांव से टंडवा प्रखंड का संपर्क पूरी तरह टूट गया है. जिससे न सिर्फ उक्त पथ पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई हैं बल्कि लोगों को जान जोखिम में डाल के यात्रा करनी पड़ रही है. ऐसे में एशिया के सबसे बड़े कोल परियोजना मगध और आम्रपाली से कोयले का ट्रांसपोर्टिंग भी पूरी तरह से ठप हो गया है.
गौरतलब है कि गेरुआ नदी पर बना पुल करीब 6 माह पूर्व भारी कोल वाहनों के परिचालन से क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके बाद स्थानीय विधायक के पहल पर प्रखंड प्रशासन ने क्षतिग्रस्त पुल पर आवागमन को रोकते हुए तत्कालीन व्यवस्था के तहत डायवर्सन का निर्माण कराया था. लेकिन करीब बीस दिन पूर्व वो डायवर्सन भी बह गया. इस मामले के बाद आनन-फानन में लाखो रुपये खर्च कर सीसीएल द्वारा भी एक बार पुणे पुणः उक्त डायवर्सन को दुरुस्त कराया गया. लेकिन यह डायवर्सन भी आज शाम बह गया. डायवर्सन के बहने से टंडवा प्रखंड मुख्यालय टापू में तब्दील होकर रह गया है. इधर डायवर्सन बहने और पुल का रिपेयरिंग अब तक नहीं होने को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.