ग्वालियर: नगर निगम ग्वालियर द्वारा लाल टिपारा पर संचालित की जा रही गौशाला में 7 हजार से अधिक निराश्रित गौवंश को रखा गया है. इतनी बड़ी संख्या में गौवंश की देखभाल में परेशानियां सामने आती हैं. ग्वालियर जिले में एक गौ अभ्यारण्य बने, इसका प्रस्ताव संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा विभाग तैयार करे.
संभागीय आयुक्त एम बी ओझा ने सोमवार को ग्वालियर जिले में संचालित गौशालाओं और गौ संरक्षण के संबंध में एक बैठक में यह बात कही. बैठक में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन, सीईओ जिला पंचायत शिवम वर्मा, सीईओ स्मार्ट सिटी जयति सिंह, अपर कलेक्टर आशीष तिवारी, अपर आयुक्त नगर निगम नरोत्तम भार्गव, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष राकेश जादौन, गौशाला से जुड़े संतगण, समाजसेवी भूपेन्द्र जैन व विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
संभागीय आयुक्त ओझा ने कहा कि ग्वालियर शहर में नगर निगम द्वारा संचालित लाल टिपारा एवं मार्क हॉस्पिटल गौशाला में निराश्रित गौवंशों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इतनी बड़ी संख्या में गौवंश की देखरेख में कई प्रकार की कठिनाईयां आ रही है.
शासन स्तर से गौशालाओं के संचालन में मिलने वाले आर्थिक सहयोग के पश्चात भी गौशालाओं के संचालन में नगर निगम को भी अपनी निधि से पैसा खर्च करना पड़ रहा है. ग्वालियर में एक गौ अभ्यारण्य की आवश्यकता लम्बे समय से महसूस की जा रही है. पशु चिकित्सा विभाग गौ अभ्यारण्य का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे.
संभाग आयुक्त ओझा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी गौ अभ्यारण्य की स्थापना के संबंध में चर्चा कर अभ्यारण्य की स्वीकृति के प्रयास किए जायेंगे. उन्होंने गौशालाओं के संचालन में सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ गणमान्य नागरिकों का सहयोग भी लेने पर जोर दिया.
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि पशु चिकित्सा विभाग गौ अभ्यारण्य का प्रस्ताव तैयार करे. इसके साथ ही मोहना में बकरी पालन केन्द्र पर भी गौशाला संचालन के संबंध में अपना प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें. नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन ने निगम द्वारा संचालित गौशालाओं के संबंध में अपनी बात रखी.
जिला पंचायत सीईओ शिवम वर्मा ने जिला पंचायत के माध्यम से तैयार की गई, गौशाला एवं प्रत्येक जनपद में निर्मित की जा रही गौशालाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी.