दिल्ली: देश का सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने सभी राज्यों से कोविड-19 बीमारी के इलाज के लिए अलग-अलग इनवेस्टिगेशनल थैरेपी का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है.
आईसीएमआर और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) ने कहा,” इन परिस्थितियों में अलग-अलग थैरेपी की जरूरत नहीं है, ये फायदा से ज्यादा हमें नुकसान पहुंचा सकती है.”
शुक्रवार को कोविड केस मैनेजमेंट की वर्चुअल बैठक के बाद ये बात सामने आई है. बैठक में कहा गया कि दवाओं का प्रयोग अत्यधिक सावधानी से किया जाना चाहिए.
आईसीएमआर (ICMR) ने अपनी बैठक में कहा, थैरेपी का इस्तेमाल प्रशासन के प्रबंधन में होना चाहिए. जहां मरीजों की देख- रेख हो सके ताकि कोई भी मुश्किल होने पर स्थिति को नियंत्रण में किया जा सके. बैठक में कहा गया कि प्रशासन को माइल्ड और सीवियर केस होने पर पर्याप्त ऑक्सीजन, सही मात्रा में एंटीकोआगुलंट्स और सस्ती कोर्टिकोस्टेरॉयड देने का पालन करना होगा.
कोविड-19 के बेहतर इलाज की खोज के परिणाम स्वरूप अलग- अलग ड्रग्स को दोबारा बनाया जा रहा है, जो कि क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं है. आईसीएमआर ने कहा, इन ड्रग्स को डीसीजीआई द्वारा परमिशन नहीं मिली है केवल आपतकालीन स्थिति में प्रतिबंधित दवाओं को इस्तेमाल करने की परमिशन है.