नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में सुवनाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने मीडिया ट्रायल पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि लोगों को पत्रकारिता से पहले आपराधिक सुवनाई का कोर्स करना चाहिए. टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी और उनके न्यूज चैनल द्वारा की जा रही समानांतर जांच पर कोर्ट ने सवाल उठाया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्नब को हिदायत दी है कि वो पत्रकारिता करते समय संयम से काम लें. किसी भी केस को कवर करते समय अपनी भाषा का ध्यान रखें. जिस्टिस मुक्ता गुप्ता ने स्पष्ट किया कि कोर्ट किसी भी प्रकार से मीडिया को चुप कराने की कोशिश में नहीं है. लेकिन किसी भी केस की जांच की शुद्धता का ध्यान मीडिया को रखना चाहिए. पत्रकारिता से पहले आपराधिक मुकदमें का कोर्स करना चाहिए उसके बाद ही पत्रकारिता करनी चाहिए.
कोर्ट का कहना है कि जब पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी जाती है तो मीडिया समानांतर जांच नहीं कर सकता. कोर्ट ने साल 2017 के निर्देश का हवाला देते हुए इस बात को स्पष्ट किया कि मीडिया किसी भी आरोपी को दोषी करार नहीं दे सकता न ही किसी आरोपी के दोषी होने पर जोर ही दे सकता है. जिस केस में ट्रायल चल रहा है उस केस को मीडिया को बहुत ही सावधानी पूर्वक कवर करना चाहिए.