जलछाजन परियोजना के अंतर्गत चल रही योजनाओं की समीक्षा
मेदिनीनगर: पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में जिले में चल रहे जल छाजन परियोजना के अंतर्गत डोभा, तालाब निर्माण, मेढ़बन्दी, जल सोख्ता, ट्रेंच- सह- मेढ़ निर्माण की समीक्षा बैठक की गई.
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि जल छाजन परियोजना के तहत बनाए जा रहे तालाब, डोभा, मेढ़बन्दी सहित अन्य योजनाओं से किसान आत्मनिर्भर और खुश हाल होते हैं. उन्होंने इस योजना को लाभकारी बताया.
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा वे अपने तालाबों एवं डोभा के पानी का उपयोग कर ना केवल अपनी जरूरत की चीजों को उपजा सकते हैं बल्कि कई दशकों से चले आ रहे हैं सुखाड़ की समस्या को भी दूर कर सकते हैं.
उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि पलामू में वर्षा का औसत दर तो ठीक है किंतु जमीन पर पानी ना रुकने से सुखाड़ की समस्या बनी रहती है. इसके लिए मनरेगा अंतर्गत भी टीसीबी निर्माण का कार्य जोर शोर से कराया जा रहा है. जिससे लोगों को रोजगार निरंतर मिल रहा है. वही जल छाजन परियोजना के अंतर्गत बनाए जा रहे डोभा, तालाब, मेढ़बन्दी में भी पॉलिशिंग के कार्य हेतु भी रोजगार सृजन का कार्य किया जा रहा है.
बैठक में मौजूद जिला तकनीकी विशेषज्ञ प्रमोद सेठ ने बताया कि जिले में नाबार्ड द्वारा रूरल इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत 4 प्रखंड यथा सदर, चैनपुर, सतबरवा तथा लेस्लीगंज के 100 गांव में चार परियोजना का संचालन किया जा रहा है.
इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत छतरपुर एवं हुसैनाबाद प्रखंड में एक परियोजना का संचालन किया जा रहा है. इन योजनाओं के संचालन के लिए जिले में अभी कुल 4 प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन एजेंसी कार्य कर रहे हैं.
बैठक में मौजूद जनहित प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन एजेंसी के जितेंद्र सिंह ने बताया कि जल छाजन परियोजना के तहत अब तक कुल 319 तालाबों में मछली पालन के लिए लाभुकों को जीरा और मछली का भोजन भी उपलब्ध कराया गया है.
बैठक में उपायुक्त शशि रंजन, उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर, भूमि संरक्षण पदाधिकारी सतेंद्र प्रसाद, जिला तकनीकी विशेषज्ञ प्रमोद सेठ, जनहित प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन एजेंसी के जितेंद्र सिंह, रिचा प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन एजेंसी के संतोष चौहान फॉरेस्ट डिविजन के ओम प्रकाश सहित अन्य मौजूद थे.