सिंगापुर: कोरोना लॉकडाउन के चलते में एक ड्रग सौदे के केस में जूम वीडियो-कॉल के जरिए दोषी को मौत की सजा सुनाई गई. मृत्युदंड की सजा दूर से देने का यह पहले मामला है . लॉकडाउन के बीच मलेशिया के पुनीथन गेनसन को शुक्रवार को 2011 में हेरोइन के लेन-दे सिंगापुरन में उसकी भूमिका के लिए सजा सुनाई गई था.
बता दें कि पूरे एशिया में कोरोना के सबसे अधिक मामले मलेशिया में ही बताए गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर के सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता ने बताया कि कार्यवाही में शामिल सभी की सुरक्षा के लिए, लोक अभियोजक पुनीथन की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा आयोजित की गई थी.
प्रवक्ता ने कहा कि यह पहला आपराधिक मामला था, जिसमें सिंगापुर में दूर से ही सुनवाई के जरिए मौत की सजा सुनाई गई . जेनसन के वकील, पीटर फर्नांडो ने कहा कि उनके मुवक्किल को जूम कॉल पर जज ने फैसला सुनाया और अपील पर विचार कर रहे हैं. जबकि कई समूहों ने पूंजी मामलों में जूम के उपयोग की आलोचना की है.
फर्नांडो ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार के वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के इस्तेमाल पर कोई आपत्ति नहीं जताई क्योंकि यह केवल न्यायाधीश के फैसले के लिए था, जिसे स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है और कोई कानूनी तर्क नहीं प्रस्तुत किया गया. सिंगापुर में कई अदालतों की सुनवाई लॉकडाउन अवधि के दौरान स्थगित कर दी गई है जो अप्रैल की शुरुआत में शुरू हुई थी और 1 जून तक चलने वाली है.
जबकि आवश्यक समझे जाने वाले मामलों में दूरस्थ रूप से सुनवाई की जा रही है. राइट्स ग्रुप्स का कहना है कि सिंगापुर में अवैध ड्रग्स के लिए जीरो-टॉलरेंस की नीति है और सैकड़ों लोगों को फांसी दी जा चुकी है, जिसमें दर्जनों विदेशी भी शामिल हैं.
मानवाधिकार वॉच के एशिया डिवीजन के उप निदेशक फिल रॉबर्टसन ने कहा कि मौत की सजा का सिंगापुर का उपयोग स्वाभाविक रूप से क्रूर और अमानवीय है, और एक आदमी को मौत की सजा देने के लिए ज़ूम जैसी दूरस्थ तकनीक का उपयोग इसे और भी अधिक क्रूर बनाता है.