अगर जमा नहीं किए 5670 करोड़ रुपये तो एक जुलाई से होगी बिजली
रांची : डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) और जेबीवीएनएल (झारखंड बिजली वितरण निगम) के बीच बकाया विवाद एक बार फिर गहरा गया है. डीवीसी ने जेबीवीएनएल पर 5670 करोड़ रुपए का बकाया होने का हवाला देते हुए जेबीवीएनएल को पत्र लिखा है. पत्र में चेतावनी दी गई है कि यदि 30 जून तक बकाया का भुगतान शुरू नहीं किया गया तो जुलाई माह से बिजली कटौती शुरू कर दी जाएगी.
सात जिलों में बिजली आपूर्ति करता है डीवीसी
झारखंड के सात जिलों धनबाद, बोकारो, कोडरमा, गिरिडीह, रामगढ़, चतरा एवं हजारीबाग को डीवीसी से खरीदकर बिजली की आपूर्ति की जाती है. मिली जानकारी के अनुसार, डीवीसी एक जुलाई से 18 घंटे तक बिजली कटौती की तैयारी कर रहा है. डीवीसी की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जेबीवीएनएल से 14 मार्च 2020 को हुए समझौते के अनुसार 24 किश्तों में बकाया भुगतान किया जाना था. साथ ही हर माह का बिल भुगतान नियमित करना पड़ेगा। लेकिन इन शर्तों का पालन नहीं किया गया और तीन मार्च के बाद से अब तक कोई भुगतान नहीं किया गया. डीवीसी के अनुसार बकाया नहीं भुगतान होने से कोयला के एवज में कोल इंडिया का बकाया 1200 करोड़ की राशि का भुगतान करना संभव नहीं हो पा रहा है. इसका असर कोयले की सप्लाई पर पड़ सकता है, जिससे बिजली उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ना संभव है यहां तक कि प्लांट भी बंद हो सकता है.
फरवरी से ही शुरू कर दी थी कटौती
इसी वर्ष के फरवरी माह के अंत में 4995 करोड़ रुपए बकाया हो जाने के कारण डीवीसी ने इन सातों जिलों में बिजली कटौती शुरू कर दी थी. 400 करोड़ रुपए के तत्काल भुगतान और 14 मार्च को हुए लिखित समझौते के बाद डीवीसी ने बिजली आपूर्ति सामान्य की थी. इस दौरान बिजली संकट से परेशान जनता सड़कों पर उतर आई थी, साथ ही यह राजनीतिक मुद्दा भी बन गया था. अब यही बकाया बढ़कर 5670 करोड़ रुपए हो गया है. गौरतलब है कि सितंबर 2015 से भुगतान संकट के कारण यह बकाया जमा होता जा रहा है.
क्या कहते हैं डीवीसी के अधिकारी
डीवीसी मुख्यालय कोलकाता के कार्यकारी निदेशक (कॉमर्शियल) अंजन डे ने कहा कि जेबीवीएनएल से डीवीसी को 5670 करोड़ रुपये बकाया का भुगतान प्राप्त करना है. जेबीवीएनएल को सूचित किया गया है कि यदि 30 जून तक बकाया राशि का भुगतान आरंभ नहीं किया गया तो जुलाई माह से बिजली कटौती शुरू कर दी जाएगी. मार्च में हुई बैठक की शर्तें पूरी नहीं की गयी हैं और डीवीसी को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई. इससे हम कोल इंडिया को 1200 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान नहीं कर पा रहे हैं.