हेल्थ डेस्क: जब भी सेहत की बात आती है तो हम कहते हैं कि टाइम कहां है? हमारे पास हर चीज के लिए समय होता है लेकिन यही दिक्कत है कि हमें खाना खाने का भी टाइम नहीं मिल पाता है. हम खाना हेल्दी रहने के लिए नहीं बल्कि भूख मिटाने के लिए खाते हैं. यहां जानें जल्दी-जल्दी खाना खाने की आदत हमें कितनी बीमारियों का मरीज बना सकती है.
आपके घर में या फ्रेंड सर्किल में कोई ना कोई ऐसा व्यक्ति जरूर होगा, जो बहुत जल्दी-जल्दी यानी तेज स्पीड में खाना खाता है. आमतौर पर जो लोग इस तरह खाना खाते हैं उनका वजन बहुत तेजी से बढ़ने लगता है. नहीं तो पेट से जुड़ी दिक्कतें होने लगती हैं. आइए, यहां जानते हैं कि जल्दी-जल्दी खाना खाने से किस तरह हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है…
खाना खाने की स्पीड इसके प्रभाव को लेकर बर्मिंघम यूनिवर्सिटी में हुए शोध का परिणाम देखने के बाद एक्सपर्ट्स की तरफ से कह गया कि जो लोग जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं, उन्हें लगभग 2 घंटे बाद ही फिर से क्रेविंग होने लगती है.
जबकि इसके ठीक विपरीत जो लोग धीरे-धीरे और पूरी तरह चबाकर खाना खाते हैं, उन्हें 3 से 4 घंटे तक कुछ और खाने की जरूरत महसूस नहीं होती है. इससे हम गैरजरूरी कैलोरी शरीर को नहीं देते और हमारे शरीर में एक्स्ट्रा फैट भी जमा नहीं होता है.
धीरे खाना खाने का शरीर पर असर
जब हम धीरे और चबाकर खाना खाते हैं तो हमारी आंतों को इस भोजन को पचाने में आसानी होती है. धीमी गति से खाना खाने के दौरान हमारे पाचनतंत्र और दिमाग के हॉर्मोन्स के बीच सही कनेक्शन बन पाता है और हमारा दिमाग सिग्नल देता है कि हमें कितना खाना खाना है या नहीं खाना है.
लेकिन जल्दबाजी में खाना खाने के दौरान हम इस तरह का कनेक्शन डिवेलप नहीं कर पाते हैं. जब इस तरह भोजन करना हमारी आदत बन जाती है हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं. इनमें पाचन से लेकर मोटापे तक कई समस्याएं शामिल हैं.
जब हम धीरे-धीरे खाना खाते हैं तब सही मात्रा में और जरूरत अनुसार खाते हैं. साथ ही शरीर के हॉर्मोन्स ब्रेन में अलार्म करते हैं. इसकी वजह होती है कि शरीर में इंसुलिन का स्तर प्रभावित होता है. यदि इंसुलिन शरीर में कम होने लगता है तो डाबिटीज टाइप-2 का खतरा बढ़ जाता है.
यानी जल्दी-जल्दी खाना खाने की आदत हमें मोटा बना सकती है, डाबिटीज का मरीज बना सकती है. साथ ही पाचन संबंधी बीमारियां दे सकती है. ये सभी जल्दी में भोजन करने के डायरेक्ट इफेक्ट्स हैं. अगर इनमें से कोई भी दिक्कत हमें हो जाती है तो उसके आफ्टर इफेक्ट्स अलग होते हैं. यानी एक के बाद एक बीमारी. इसलिए जरूरी है कि हम अपनी डायट को हेल्दी रखने के साथ ही उसे हेल्दी तरीके से खाएं भी.