जमशेदपुर: ईसागढ़ के तिरूलडीह बाकारकुड़ी गांव की रहनेवाली 45 वर्षीय महिला सविता प्रमाणिक और एक 8 वर्षीय बच्ची सुलोचना प्रमाणिक को हाथियों के झुंड ने कुचल देने से सविता प्रमाणिक की मौत हो गई. वहीं घायल सुलोचना प्रमाणिक को जमशेदपुर एमजीएम पहुचाया गया. सरायकेला- खरसावां जिले में गजराजों का आतंक जारी है. जहां आए दिन जंगली हाथियों का झुंड किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे हैं. चाहे इंसान हो या फसल इन हाथियों के जद में जो आ गया समझे उसका अंत तय है. वैसे ताजा मामला तिरूलडीह थाना क्षेत्र का है. जहां बाकारकुड़ी गांव की रहनेवाली 45 वर्षीय महिला सविता प्रमाणिक और एक 8 वर्षीय बच्ची सुलोचना प्रमाणिक को हाथियों के झुंड ने कुचल दिया. जिससे महिला की अस्पताल ले जाने के क्रम में मौत हो गई जबकि बच्ची को बेहतर ईलाज के लिए जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल ले जाया गया है.
बताया जा रहा है कि मंगलवार को सुबह करीब दस बजे के आस- पास महिला और बच्ची बाकारकुड़ी- कारकाडीह के जंगलों से लकड़ी चुनकर वापस लौट रही थी. तभी हाथियों के झुंड की चपेट में दोनों आ गई. जहां हाथियों ने इन्हें बुरी तरह से कुचल दिया. उधर घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों नें 108 एम्बुलेंस के माध्यम से ईचागढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया मगर महिला की रास्ते में ही मौत हो गई. वहीं घटना की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजनों को दाह- संस्कार के लिए 25 हजार रूपए दिए जबकि एक महीने के भीतर बाकी मुआवजा राशि दिलाने का भरोसा दिलाया. वैसे हाथियों के आंतक से ग्रामीणों में नाराजगी देखी जा रही है. वहीं लोगों का कहना है गांव की ओर हाथियों का झुंड लगातार आकर कभी आदमी को मार देता कभी फसल को नष्ट कर देता है लेकिन वन विभाग वाला कोई उचित कदम अभी तक नहीं उठाया. जिसको लेकर लोगों में नाराजगी देखी जा रही है.