रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा सोमवार को पूर्वाह्न 11.45 बजे शोकसभा आयोजित कर पार्टी विधायक दिवंगत राजेंद्र प्रसाद सिंह को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गयी.
राजधानी रांची के कांग्रेस भवन सभागार में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आयोजित शोकसभा की अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष सह वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने की.
डॉ. उरांव ने जीवन पर्यंत मजदूरों और आमजनों के लिए संघर्षरत राजेंद्र प्रसाद सिंह को झारखंड के ही नहीं, देशभर मजदूर अपना हमदर्द समझते थे. अपने राजनीतिक जीवनकाल में लगभग पांच दशक तक मजदूरों के हक लिए संघर्षरत राजेंद्र प्रसाद सिंह ने श्रमिक नेता के रूप में झारखंड ही नहीं, पूरे देश में अपनी एक विशिष्ठ पहचान बनायी.
उन्होंने राजेंद्र प्रसाद सिंह के साथ अपनी यादों को साझा करते हुए बताया कि कई बार उनसे बातें होती, तो उनसे पूछते थे कि किस तरह से वे मजदूरों का हक दिलाने में सफल होते, तो राजेंद्र प्रसाद सिंह कहते थे कि एक मजदूर की आत्मा उनमें है, इसके बिना वे अधूरा है.
राज्य विभाजन के बाद वे लगातार सभी साथ लेकर पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत रहते थे.
इस मौके पर राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा कि एकाएक राजेंद्र बाबू का हमसबों के लिए दुःखद है, पूरा कांग्रेस परिवार दुःखी है और वे हमेशा मजदूरों के मसीहा के रूप में याद किये जाएंगे.
कृषिमंत्री बादल ने भावभीनी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि श्रमिक नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह का दुनिया से चले जाना झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति है.
उन्होंने कहा कि राजेंद्र बाबू पक्ष-विपक्ष सभी को साथ लेकर चलने पर विश्वास करते थे, झारखंड ही नहीं, एकीकृत बिहार में हमेशा उन्होंने पार्टी संगठनों को मजबूत करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया. उन्होंने कहा कि राजनीति में आज वे जो कुछ भी है, राजेंद्र प्रसाद सिंह की बदौलत ही है.
शोकसभा का संचालन प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने किया. शोकसभा के अंत में कुछ पलों का मौन रखकर सभी ने पार्टी के दिवंगत नेता को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद सिंह की अंत्येष्टि मंगलवार को उनके पैतृक गांव करगली के दामोदर नदी तट पर होगी.
उन्होंने बताया कि पार्टी के दिवंगत नेता के पार्थिव शरीर को दिल्ली से सड़क मार्ग से पैतृक गांव लाया जा रहा है और आज शाम तक पहुंच जाने की संभावना है.
उन्होंने आम जनों के दर्शानार्थ पार्थिव शरीर को पैतृक गांव स्थित घर में रखा जाएगा, जहां सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने प्रिय नेता अंतिम दर्शन कर सकेंगे और श्रद्धांजलि दे सकेंगे.