रांची: मोदी सरकार ने देश की जनता के साथ धोखा किया है, रोजगार घट रहे हैं, महंगाई चरम सीमा पर है. उक्त बातें प्रतिक्रिया स्वरूप प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद कही है. आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है लोगों को खाने के लाले पड़ गए हैं. वर्ष 2012 -2013 के बाद पहली बार आज महंगाई इतनी चरम सीमा पर पहुंची है. बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार का नारा देकर सत्ता में आये और अब इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है. महंगाई है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही है, खुदरा महंगाई, रिटेल इन्फ्लेशन, जुलाई 2019 में 3.15 प्रतिशत थी. अगस्त में बढ़कर 3.28 प्रतिशत हो गई है.
सितंबर में 3.99 या 4 प्रतिशत हो गई. अक्टूबर, 2019 में 4.62 प्रतिशत हो गई. नवंबर, 2019 में 5.54 प्रतिशत हो गई और दिसंबर, 2019 में 7.35 प्रतिशत हो गई. आज जनवरी, 2020 में ये महंगाई 8 प्रतिशत छू रही है. परंतु केंद्र सरकार नकारा और निक्कमी बनी बैठी है. ना प्रधानमंत्री कोई जवाब देते हैं, ना फूड और सिविल सप्लाई मंत्री कोई जवाब देते हैं, ना भाजपा को महंगाई की परवाह, ना आम जनमानस की जिंदगी की कोई चिंता.
आज खाद्य पदार्थों की महंगाई चरम सीमा पर है. एक अनुमान अगर आप लगाएं तो सब्जियों के दाम 60 प्रतिशत अधिक बढ़ गए हैं. दालों के दाम साढ़े 15 प्रतिशत अधिक बढ़ गए हैं. फूड और बेवरेज के दाम साढ़े 12 प्रतिशत अधिक बढ़ गए हैं. मीट और मछली के दाम जो लोग शाकाहारी नहीं, मांसाहारी हैं, उनके लिए 10 प्रतिशत महंगाई में इजाफा हो गया है मसालों के दाम लगभग 6 प्रतिशत बढ़ गए हैं.
अब तो भारत में शाकाहारी होना भी अपराध हो गया है, क्योंकि 60-60 प्रतिशत इजाफा है. सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. गरीब आदमी ना आटा ले सकता, ना चावल ले सकता, ना प्याज खरीद सकता, ना टमाटर ले सकता, ना लहुसन ले सकता, ना दाल खरीद सकता, तो गरीब आदमी कैसे जीए?