राँची: प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है. यही कारण है कि सरकार राज्य में वापस लौटे 7.50 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है. इनमें से दो लाख के करीब मजदूरों को रोजगार से जोड़ दिया गया है. वहीं डेढ़ लाख से अधिक मजदूरों का रजिस्ट्रेशन भी कराया गया है . इन्हें भी जल्द ही रोजगार से जोड़ा जाएगा.
ग्रामीण विकास सचिव श्रीमती आराधना पटनायक के निर्देश पर राज्य के मजदूरों को जल्द से जल्द मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. विभागीय सचिव ने अपने निर्देश में हर हाथ को काम उपलब्ध कराने को कहा है. इसी के आलोक में सभी जिलों के द्वारा मनरेगा से अधिकतम इच्छुक परिवारों को जोड़ते हुए उन्हें ससमय रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है.
वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 7.30 लाख मजदूरों द्वारा 1 लाख से अधिक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. वहीं, मनरेगा आयुक्त श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी द्वारा प्रवासी मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार मिले इस निमित्त प्रतिबद्धता के साथ कार्यों को धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है.
मानवदिवस के सृजन में वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक पूरे राज्य में कुल 245.39 लाख मानवदिवस का सृजन किया गया है जिसमें से माह जून 2020 के लिए निर्धारित लक्ष्य 119.28 लाख के विरुद्ध कुल 129 लाख मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है जो लक्ष्य का 108 प्रतिशत है.
प्रवासी मजदूरों को मनरेगा अंतर्गत अकुशल रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है
पूरे राज्य में वापस आये प्रवासी मजदूरों को मनरेगा अंतर्गत ससमय रोजगार उपलब्ध कराने की करवाई की जा रही है. वापस आये प्रवासी मजदूरों में से 184001 इच्छुक मजदूरों को मनरेगा के तहत जॉब कार्ड निर्गत किया जा चुका है जिसमें से कुल 145519 इच्छुक मजदूरों को मनरेगा अंतर्गत अकुशल कार्य उपलब्ध कराया गया है.